भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) ग्लोबल पैमाने पर भी मजबूत और पारदर्शी है. जहां तक रेगुलेटरी सेबी (SEBI) की बात है तो ये बिल्कुल प्रोफेशनल है. सेबी में एक से बढ़कर एक एक्सर्ट्स हैं, जो इसे ऑपरेट करते हैं, ये कहना सेबी के नए चेयरमैन तुहिन कांत पांडे का है.
बिजनेस टुडे के खास कार्यक्रम MINDRUSH में तुहिन कांत पांडे ने कहा कि कैपिटल मार्केट टेक्नोलॉजी, ट्रस्ट और टीम वर्क से चलती है. कैपिटल मार्केट पर रेगुलेट को बैलेंस रखने के लिए भी पैरामीटर है. जिसमें निवेशक के साथ-साथ कंपनियों की हितों की भी रक्षा की जाती है. दोनों के तालमेल से मार्केट को ऑपरेट किया जाता है.
बाजार क्यों गिर रहा है?
जब उनसे पूछा गया कि विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसे क्यों निकाल रहे हैं? सेबी प्रमुख ने बताया विदेशी निवेशक कैपिटेल मार्केट का एक अहम हिस्सा है. पिछले 5 साल में बड़ा इंफ्लो रहा है, अब थोड़ा आउटफ्लो देखने को मिल रहा है. वैसे तो विदेशी निवेशकों का आना-जाना लगा रहता है. लेकिन अगर मार्केट प्लेयर की कोई शिकायतें या दिक्कतें होती हैं, उसपर भी विचार किया जाता है, और इसपर लगातार काम चलता है. ऐसा नहीं है कि विदेशी निवेशकों को कुछ दिक्कतें हैं और उसपर रेगुलेटरी विचार नहीं करता है.
बाजार क्यों गिर रहा है कि इसपर तुहिन कांत पांडे का कहना है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव एक आम प्रक्रिया है. कोविड के बाद से लगातार तेजी देखी जा रही थी. अब थोड़ा बाजार थमा है. लेकिन हर गतिविधियों पर नजर होती है.
जहां तक बाजार की चाल बात है तो इकोनॉमी के साथ-साथ ग्लोबल घटनाक्रम का भी असर होता है. पिछले कुछ दिनों से ग्लोबल मार्केट में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव हुआ है, खासकर जियो पॉलिटिकल के मोर्चे पर देखने को मिला है.
पारदर्शिता को लेकर कोई समझौता नहीं
तुहिन कांत पांडे ने कहा कि कैपिटेल मार्केट पर टैक्सेशन सिस्टम पारदर्शी और दायरे में है. जब बाजार गिरता है तो इस तरह की बातें होती हैं. लेकिन जब बाजार में तेजी होती है तो फिर कोई इस तरह की बातें नहीं करते. एक इमरजिंग मार्केट के हिसाब से हमारे यहां टैक्स सिस्टम बिल्कुल दायरे में है. उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान भी सप्लाई सिस्टम पर तगड़ा असर पड़ा था. लेकिन फिर इकोनॉमी तेजी से बढ़ी थी. क्योंकि हमारा सिस्टम मजबूत है.
सेबी प्रमुख का कहना है कि अभी टैरिफ को लेकर कई तरह की बात हो रही हैं. इससे बाजार में थोड़ा-सा कंफ्यूजन है. लेकिन हमारी इकोनॉमी मजबूत है, कंपनियों की ग्रोथ ठीक ठाक है, तो फिर टैरिफ का ज्यादा असर नहीं होने वाला है. भारत अमेरिका से द्विपक्षीय व्यापार पर चर्चा कर रहा है.
रिटेल निवेशकों को जागरूक करने के लिए उठाए कई कदम
सेबी के चेयरमैन तुहिन कांड पांडे का कहना है कि रिटेल निवेशकों की बाजार में ईजी एंट्री के लिए KYC प्रक्रिया को आसाना बनाया गया है. अब बाजार में पैसा लगाना जितना आसान है, उतना ही आसान निकालना भी है. अगर कोई निवेश कर भूल जाता है, तो उसे वर्षों बाद भी आसानी से मिल जाता है.
इसके अलावा भी आम निवेशक को सेफ करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. F&O ट्रेडिंग के दौरान 10 में से 9 रिटेल निवेशक पैसे गंवाते हैं, हर निवेशक तक ये जानकारी पहुंचाई जा रही है. एक्सपायरी डे के दिन वॉल्यूम में बड़ा उतार चढ़ाव देखने को मिलता है. आखिर के 3-4 मिनट में ऐसी चीजें देखने को मिलती है. कई लेवल पर रिटेल निवेशकों को जागरूक किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट डिस्कोलजर को भी पारदर्शी बनाया गया है. कंपनियों के लिए ईजी प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं, लेकिन अगर उसमें कोई गड़बड़ी होती है, तो उसपर भी हमारी नजर होती है. इसलिए पारदर्शिता के साथ समझौता नहीं किया जाता है और आगे भी नहीं किया जाएगा.