म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में अगर आप भी पैसा लगाते हैं तो आपके लिए सेबी ने एक बड़ी राहत दी है. कुछ लोग केवाईसी रजिस्टर्ड करने की समस्या से जूझ रहे थे, वे अब आसानी से कर सकेंगे. क्योंकि सेबी ने पैन-आधार के लिंक करने के नियम को हटा दिया है. इसका मतलब है कि जो लोग पैन-आधार के लिंक नहीं होने के कारण म्यूचुअल फंड केवाईसी नहीं कर पा रहे थे, वे अब आसानी से पूरा कर सकते हैं.
अब KYC कराने के लिए पैन और आधार की आवश्यकता नहीं होगी. अभी ये काम बिना एक्स्ट्रा डॉक्यूमेंट दिए पूरा कर सकते हैं. सेबी ने 14 मई को एक परिपत्र में निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड लेनदेन के लिए 'केवाईसी रजिस्टर्ड' स्टेटस प्राप्त करने के लिए स्थायी खाता संख्या (PAN) को आधार से जोड़ने की आवश्यकता को हटा दिया. हालांकि यह गौर करना चाहिए कि केवाईसी मान्य स्टेटस के लिए किसी को आधार को पैन से जोड़ना होगा.
पहले होती थी आधार पैन लिंक की आवश्यकता
अक्टूबर 2023 में SEBI ने सभी म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) निवेशकों को 31 मार्च, 2024 तक अपने पैन को आधार से जोड़ने के लिए कहा था. इसमें कहा गया था कि लिंक न करने पर केवाईसी प्रक्रिया रुक जाएगी, जिससे निवेश गतिविधियां रुक जाएंगी. एड्रेस के प्रमाण के रूप में बैंक पासबुक या खाता विवरण का उपयोग करके भी केवाईसी किया जा सकता है.
एनआरआई को मिली सबसे बड़ी राहत
सेबी के निर्देश से एनआरआई सबसे ज्यादा प्रभावित हुए क्योंकि अब उन्हें आधार प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है. नियामक ने केवाईसी रजिस्टर्ड एजेंसियों से पैन, नाम, पता, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी का उपयोग करके म्यूचुअल फंड यूनिट होल्डर्स के केवाईसी को सत्यापित करने का अनुरोध किया. लक्ष्य पैन और आधार कार्ड के आधार पर आयकर (IT) जैसे आधिकारिक डेटाबेस के साथ निवेशक के विवरण की जांच करना था.
आधार की जगह यूज करें ये दस्तावेज
14 मई को सेबी के संशोधित सर्कुलर में कहा गया कि निवेशक अपनी केवाईसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेजों का उपयोग कर सकते हैं. अगर आधार नहीं है तो उसकी जगह पर किसी और डॉक्यूमेंट का यूज किया जा सकता है.