जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव (Sharad Yadav) का 12 जनवरी 2023 को 75 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. कर्डियक अरेस्ट होने पर उन्हें इलाज के लिए गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. 1947 में जन्मे समाजवाद की प्रखर आवाज रहे शरद यादव अपने पीछे करोड़ों रुपये की संपत्ति (Sharad Yadav Net Worth) छोड़ गए हैं. इसका खुलासा साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उनके द्वारा दाखिल हलफनामे में किया गया था.
आठ करोड़ रुपये की नेटवर्थ
Sharad Yadav ने चुनाव के दौरान 2019 में जो हलफनामा दाखिल किया था, उसके मुताबिक उनकी चल और अचल दोनों संपत्तियां करीब आठ करोड़ रुपये है. उन्होंने 1974 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा था और पहली बार मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे. शरद यादव के निधन के बाद उनके परिवार में पत्नी डॉक्टर रेखा यादव, बेटा शांतनु बुंदेला और एक बेटी सुभाषिनी राजा राव हैं.
चुनावी हलफनामे में किया था संपत्ति का खुलासा
दिवंगत जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की नेटवर्थ (Sharad Yadav Net Worth) की बात करें तो साल 2019 के मुताबिक, आठ करोड़ रुपये की कुल संपत्ति में 1,58,78,690 रुपये की चल संपत्ति है. इसमें 90,000 रुपये कैश, विभिन्न बैंकों में जमा 1,27,40,578 रुपये, नेशनल सेविंग्स स्कीम और पोस्टल सेविंग में 10,73,000 रुपये हैं. इसके अलावा 2,46,612 रुपये की LIC और दूसरी इंश्योरेंस पॉलिसीज और 17,28,500 रुपये के गहने हैं.
शरद यादव के नाम चार घर
शरद यादव चल संपत्ति से कहीं ज्यादा अचल संपत्ति के मालिक थे, जिसमें एग्रीकल्चर और नॉन-एग्रीकल्चर लैंड के साथ ही उनका घर भी शामिल है. कुल मिलाकर हलफनामे के मुताबिक उनकी अचल संपत्ति 6,56,55,000 रुपये की है. इसमें 1,06,60,000 रुपये की खेती योग्य जमीन, 1,01,70,000 रुपये कीमत की नॉन-एग्रीकल्चर लैंड शामिल है. वहीं उनके घरों की बात करें तो उनके चार घर हैं, जिनकी कुल कीमत 4,48,25,000 रुपये है. इसमें गुरुग्राम में इस्लामपुर सोहना रोड पर 1,55,00,000 रुपये कीमत का एक फ्लैट और DLF Phase-2 में 2,20,00,000 रुपये का एक घर शामिल है.
न कोई कार, न ही लोन
चुनावी हलफनामे में खास बात ये है कि दिवंगत नेता के पास करोड़ों की संपत्ति होने के बावजूद उनके पास कोई भी कार नहीं थी. इसके अलावा उनके नाम पर कोई लोन भी नहीं चल रहा है. अचल संपत्ति के तौर पर शरद यादव के नाम कोई भी कमर्शियल बिल्डिंग या लैंड नहीं है. मध्य प्रदेश के होशांगाबाद में जन्मे देश के इस दिग्गज नेता को जनता दल की सियासत का चाणक्य भी कहा जाता है.