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Soil Health Card: गांव में रहकर सरकारी मदद से करें ये बिजनेस, लगी रहेगी किसानों की भीड़, लाखों में कमाई

सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत 18 से 40 साल के व्यक्ति अपने पंचायत में मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित कर सकते हैं. लैब लगाने वाले को 75 फीसदी रकम सरकार प्रदान करती है, जिसकी मदद से गांव में रहने वाले लोग इसका लाभ उठा सकते हैं.

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गांव में रहकर कर सकते हैं बढ़िया कमाई
गांव में रहकर कर सकते हैं बढ़िया कमाई
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गांव में रहकर कर सकते हैं बढ़िया कमाई
  • सरकार करती है लैब स्थापित करने में मदद

देश में नई नौकरियों (Jobs) के अवसर कम बन रहे हैं. कोरोना संक्रमण के बाद से शहरों में भी रोजगार के अवसरों में गिरावट आई है. ऐसे में कोरोना महामारी के दौरान अपने गांव लौटे लोग वहीं पर अपने लिए काम की तलाश कर रहे हैं. अगर लोग गांव में रहकर बिना खेती किए ही कमाई करना चाहते हैं, तो केंद्र सरकार उनके लिए एक स्कीम चला रही है. लेकिन इसमें कुछ रकम निवेश करनी होगी और सरकार भी स्कीम के तहत आर्थिक मदद करेगी. गांव में अगर आप एग्रीकल्चर के क्षेत्र में कारोबार की शुरुआत करना चाहते हैं, तो सॉइल हेल्थ कार्ड योजना (Soil Health Card Yojana) आपके लिए मुफीद साबित हो सकती है.

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मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब खोलने का मौका

सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत सरकार पंचायत लेवल पर एक मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित (Soil Testing Laboratory) करने में मदद करती है. इस लैब में आस-पास के खेतों की मिट्टी की जांच की जाती है. फिलहाल देश के ग्रामीण इलाकों में ऐसे लैब बेहद ही कम हैं. अगर आप इस कारोबार में दिलचस्पी रखते हैं, तो इसे शुरू करके बढ़िया आमदनी अपने गांव में ही कर सकते हैं. इस क्षेत्र में रोजगार की भी तमाम संभावनाएं हैं.

कौन उठा सकता है इसका लाभ

सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत 18 से 40 साल के व्यक्ति अपने पंचायत में मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित कर सकते हैं. लेकिन इस स्कीम का लाभ वही लोग उठा पाएंगे, जो एग्री क्लीनिक, कृषि उद्यमी ट्रेनिंग के साथ 10वीं पास किए होंगे. इस स्कीम के लिए वही लोग आवेदन कर पाएंगे, जिनका किसान परिवार से सबंध हो.

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कैसे करना होगा आवेदन

मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित करने के लिए आपको अपने जिले के उपनिदेशक (कृषि) अथवा संयुक्‍त निदेशक कृषि से उनके ऑफिस जाकर संपर्क करना होगा. इसके अलावा agricoop.nic.in वेबसाइट और soilhealth.dac.gov.in पर भी टेस्टिंग लैब स्थापित करने के लिए संपर्क किया जा सकता है.

अगर आपको अधिक जानकारी चाहिए तो किसान कॉल सेंटर (1800-180-1551) पर भी संपर्क कर सकते हैं. अगर आप अपने जिले के कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करते हैं, तो सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत मिनि टेस्टिंग लैब स्थापित करने करने के लिए आप फॉर्म उपलब्ध करवाया जाएगा. फॉर्म को भरकर और मांगे गए सभी डॉक्यूमेंट को अटैच करके आपको कृषि विभाग में जमा करना होगा.

कितना आता है खर्च

पंचायत में किसी भी मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब को स्थापित करने में करीब पांच लाख रुपये का खर्च आता है. लेकिन सरकार सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत लैब लगाने वाले को 75 फीसदी रकम प्रदान करती है. अगर आप अपने पंचायत में लैब स्थापित करना चाहते हैं, तो सरकार की ओर से 3.75 लाख रुपये आपको दिए जाएंगे.

आपको 1.25 लाख रुपये खर्च करने होंगे. ग्रामीण स्‍तर पर सॉइल टेस्टिंग लैब खोलने के लिए आवेदनकर्ता के पास खुद की या किराये की पक्‍की जगह होना जरूरी है. ग्रामीण युवा चाहें तो Mobile Soil Testing Van के रूप में भी लैब स्थापित कर सकते हैं.

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कितनी होगी कमाई

किसानों के खेत की मिट्टी का नूमना लेकर उसकी जांच करनी होगी. इसके आधार पर सॉइल हेल्थ कार्डका प्रिंटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन करने पर प्रति सैंपल आपको 300 मिलते हैं. इस तरह आप आराम से महीने में 15-25 हजार रुपये कमा सकते हैं.

क्या है लैब का फायदा

सॉइल टेस्टिंग लैब के माध्यम से किसानों को उनके खेतों की मिट्टी में कौन कौन से पोषक तत्व मौजूद हैं, इसकी जानकारी मिलती है. साथ ही उर्वरकों की कमी तथा उन्‍हें किस मात्रा में यूरिया का इस्तेमाल अपने खेतों में करना चाहिए ये भी पता चलता है.
 

 

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