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मोदी सरकार की इस योजना में 25 हजार करोड़ से ज्यादा के लोन मंजूर, आप भी ले सकते हैं फायदा

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने जो स्टैंडअप इंडिया (Standup India) योजना शुरू की थी, उसके तहत 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन मंजूर किए जा चुके हैं. 

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एक लाख से ज्यादा लोगों को फायदा
एक लाख से ज्यादा लोगों को फायदा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पिछड़े तबकों को लोन देने की योजना
  • स्टैंडअप इंडिया योजना को सफलता
  • एक लाख से ज्यादा लोगों को फायदा

समाज के पिछड़े तबके के लोगों को कारोबार जगत में स्थापित करने की मोदी सरकार की एक योजना सफल होती दिख रही है. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने जो स्टैंडअप इंडिया (Standup India) योजना शुरू की थी, उसके तहत 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन मंजूर किए जा चुके हैं. 

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इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या एक लाख से भी अधिक हो गई है. अब इस योजना का विस्तार भी वर्ष 2025 तक कर दिया गया है. गौरतलब है कि रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2020 तक बैंकों द्वारा सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (MSME) को दिया जाने वाला कुल लोन 6.6 फीसदी बढ़कर 11.31 लाख रुपये तक पहुंच गया है. एक साल पहले कीअवधि में यह 10.61 लाख करोड़ रुपये था. कुल कर्ज में MSME सेक्टर का हिस्सा करीब 18 फीसदी है. 

वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी 

केंद्रीय वित्त मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार स्टैंडअप इंडिया योजना के तहत बैंकों ने 1,14,322 लाभार्थियों को 25,586 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए पांच अप्रैल 2016 को स्टैंड-अप इंडिया योजना शुरू की गई थी. इस योजना का उद्धेश्य आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देते हुए जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देना है. 

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योजना का विस्तार 2025 तक

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस योजना का विस्तार 2025 तक किया गया है. इसके तहत पात्र लाभार्थियों को 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक का लोन उपलब्ध कराया जा सकता है. बयान में बताया गया है कि इस योजना के तहत सीधे बैंक से, स्टैंड-अप इंडिया पोर्टल से या लीड जिला प्रबंधक (एलडीएम) के माध्यम से लोन हासिल किया जा सकता है. 

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2016 में शुरू की गई इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिला वर्ग के कारोबारियों को 10 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का लोन दिया जाता है.

देश के निचले वर्गों के उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गए इस लोन योजना को स्टैंड-अप इंडिया योजना  के नाम से जना जाता है. इसके तहत लाभार्थी को कारोबार को स्थापित करने के लिए रियायती दरों पर कर्ज दिया जाता है.

 कारोबार को शुरू करने के दौरान पहले 3 वर्ष तक इनकम टैक्स में छूट मिलती है. इसके बाद इस पर बेस रेट के साथ 3 फीसदी का ब्याज दर लगता है, जो कि टेन्‍योर प्रीमियम से अधिक नहीं हो सकता है. इस कर्ज को लौटाने के लिए 7 साल का समय मिलता है हालांकि, मोरेटोरियम का समय 18 महीने रहता है.  

 

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