एडजस्ट ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाये के भुगतान से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने एक बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल ने 25,000 करोड़ रुपये का फंड जुटाने की योजना को मंजूरी दे दी.
इक्विटी और लोन के रूप में जुटाई जाएगी रकम
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि यह राशि इक्विटी और लोन के रूप में जुटाई जाएगी. कंपनी अधिकतम 25,000 करोड़ रुपये जुटाएगी. वोडाफोन आइडिया ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट्स (जीडीआर), अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट्स, विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड (एफसीसीबी), डिबेंचर और वारंट जैसे विकल्पों पर विचार कर रही है. कंपनी यह राशि जुटाने के लिए शेयरधारकों और अन्य से आवश्यक मंजूरियां लेगी.
वोडाफोन आइडिया की ओर से कहा गया, ‘‘कुल 15,000 करोड़ रुपये के गारंटी और बिना गारंटी वाले गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) एक या अधिक किस्तों में सार्वजनिक पेशकश या निजी नियोजन के आधार पर जारी किए जा सकते हैं.’’ शेयरधारकों की 30 सितंबर को प्रस्तावित वार्षिक आमसभा में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा.
एजीआर बकाया के बोझ में कंपनी
वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल की ओर से फंड जुटाने की यह मंजूरी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ ही दिन बाद दी गई है. शीर्ष अदालत ने टेलीकॉम कंपनियों को एडजस्ट ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) बकाये के 10 प्रतिशत का भुगतान इसी वित्त वर्ष में करने का निर्देश दिया है.
कंपनियों को एजीआर के शेष बकाये का भुगतान अगले दस साल के दौरान 10 किस्तों में करना होगा, जिसकी शुरुआत अगले वित्त वर्ष से होगी. वोडाफोन आइडिया पर एजीआर का कुल बकाया 58,000 करोड़ रुपये से अधिक है. कंपनी इसमें से 7,854 करोड़ रुपये दूरसंचार विभाग को अदा कर चुकी है.
निवेश की थी खबर, कंपनी ने किया इनकार
हाल में इस तरह की खबरें आई हैं कि एमेजॉन और वेरीजॉन कंपनी में चार अरब डॉलर का निवेश कर सकती हैं. हालांकि, वोडाफोन आइडिया ने कहा है कि वह कॉरपोरेट रणनीति के तहत विभिन्न अवसरों का आकलन करती है, लेकिन इस तरह का कोई भी प्रस्ताव फिलहाल बोर्ड के समक्ष नहीं है. आपको बता दें कि देश के बेहद प्रतिस्पर्धी दूरसंचार बाजार में वोडाफोन आइडिया तीसरी सबसे बड़ी ऑपरेटर है.