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हल्दी के कारोबार पर मंदी का साया...पिछले साल के मुकाबले बिक रही इतनी सस्ती, ये है कारण

हल्दी (Turmeric) के उत्पादन में इस साल और भी बढ़ोतरी होने का अनुमान है. कृषि मंत्रालय का डाटा बताता है कि पिछले साल की तुलना में इस साल हल्दी की उपज में 10 परसेंट की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.

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हल्दी की बंपर पैदावार के बावजूद कीमतों में आ रही कमी
हल्दी की बंपर पैदावार के बावजूद कीमतों में आ रही कमी

हल्दी (Turmeric) की पैदावार देश में पिछले साल से ज्यादा देखी जा रही है. लेकिन कीमत में मामले में निचले स्तर पर पहुंचते जा रहे हैं. सरकारी आंकड़ों (Govt Data Of Turmeric Rates) को देखें तो इस बार मंडियों में हल्दी की आवक पहले से कहीं अधिक है यानी देश में इसकी बंपर उपज हुई है. फिर क्या इस पर मंदी का साया है या फिर कोई कारण?

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मांग में कमी का कीमतों पर असर
हल्दी की कीमतों (Turmeric Price) में आ रही गिरावट का जो सबसे बड़ा कारण सामने आया है वो है इसकी मांग में कमी. दरअसल, देश में इसका उत्पादन (Production) तो अधिक हो रहा है, लेकिन मांग (Demand) कम होने के कारण इसके दाम निचले स्तर पर देखे जा रहे हैं. इसकी तुलना में एक साल पहले कोरोना की वजह से हल्दी की मांग में बड़ा इजाफा देखने को मिला था और इसके रेट भी उसी तेजी से बढ़े थे. गौरतलब है कि काढ़ा आदि में हल्दी के इस्तेमाल ने दाम बढ़ाने में मदद की थी.

पिछले साल के मुकाबले इतना अंतर
Kisan tak की रिपोर्ट के मुताबिक, जहां पिछले साल हल्दी की बिकवाली आठ और सवा आठ हजार प्रति कुंटल पर चल रही थी. वही इस साल मौजूदा सीजन में हल्दी का कारोबार छह हजार रुपये से 6400 रुपये के आसपास है. इस बार दाम में गिरावट के पीछे अधिक उपज को भी जिम्मेदार माना जा रहा है. ताजा हाल ये है कि महाराष्ट्र का सतारा जिला, जहां पर हल्दी की बंपर पैदावार होती है. यहां के कराड में बड़ी संख्या में किसान हल्दी की पैदावार लेते हैं. लेकिन यहां भी मौजूदा दाम (Turmeric rate) 6425 रुपये प्रति कुंटल चल रहा है जिस रेट पर व्यापारी किसानों से हल्दी खरीद रहे हैं. 

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पिछले साल की तुलना में देखें तो हल्दी के दाम प्रति कुंटल 2000 रुपये तक कम चल रहे हैं. जितनी तेजी से आवक है, उतनी तेजी मांग में नहीं देखी जा रही जिससे हल्दी के कारोबार में कमी दिख रही है. 

महाराष्ट्र में भी कारोबार फीका
अलग-अलग मंडियों की बात करें तो बीते 7 दिसंबर को महाराष्ट्र के वाशिम जिले में हल्दी का न्यूनतम दाम (turmeric rate) 5650 रुपये और अधिकतम 7301 रुपये रहा. औसत दाम 6055 रुपये प्रति कुंटल दर्ज किया गया. तमिलनाडु के सलेम में फिंगर हल्दी का दाम न्यूनतम 5550 रुपये और अधिकतम 7220 रुपये रहा. यहां औसत दाम 6640 रुपये रहा. सलेम के ही अट्टूर मंडी में न्यूनतम 4560 रुपये और अधिकतम 7790 रुपये जबकि औसत दाम 6570 रुपये दर्ज किया गया. 

आंध्र प्रदेश में इस भाव बिक रही हल्दी
महाराष्ट्र के अलावा बीते शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के गुंटूर में डुग्गीराला मंडी में बल्ब हल्दी का न्यूनतम दाम (turmeric rate) 5611 रुपये, अधिकतम 5625 रुपये और औसत दाम 5625 रुपये रहा. वहीं तेलंगाना की निजामाबाद मंडी में बल्ब हल्दी का न्यूनतम दाम 3601 रुपये और अधिकतम 5211 रुपये दर्ज किया गया. यहां 5889 रुपये के औसत दाम पर हल्दी का कारोबार हुआ. बता दें भारत में सबसे अधिक हल्दी की पैदावार आंध्र प्रदेश में होती है. यहां देश में कुल उत्पाद की 40 फीसदी पैदावार होती है. इसके बाद ओडिशा और कर्नाटक का नाम आता है. 

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इस साल और बढ़ेगा उत्पादन!
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हल्दी के उत्पादन में और बढ़ोत्तरी का अनुमान है. कृषि मंत्रालय का आंकड़ा बताता है कि पिछले साल की तुलना में इस साल हल्दी की उपज में 10 परसेंट की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. एक अनुमान के मुताबिक इस साल देश में हल्दी का कुल उत्पादन 13 लाख 31 हजार टन तक पहुंचने का अनुमान है. पिछले साल हल्दी का उत्पादन 11 लाख टन ही हुआ था. 

https://www.kisantak.in/crops/story/mandi-bhav-finger-turmeric-bulb-turmeric-prices-lower-compared-2022-commodity-price-494974-2023-01-09


 

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