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जिस जगह था Twin Tower, उसका क्या होगा? आर के अरोड़ा से बताया अपना प्लान

अरोड़ा ने कहा कि सुपरटेक को ट्विन टावर के ध्वस्त होने से लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. अगर अथॉरिटी उस साइट का इस्तेमाल करने की मंजूरी नहीं देता है, तो बिल्डर कंपनी जमीन की लागत और अन्य खर्चों की वापसी की मांग करेगी. फिलाहल जमीन पूरी तरह से मलबे से भरी है.

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ट्विन टावर की जमीन पर शुरू होगा नया प्रोजेक्ट.
ट्विन टावर की जमीन पर शुरू होगा नया प्रोजेक्ट.

नोएडा के सेक्टर 93ए में ट्विन टावर (Twin Towers) के ध्वस्त होने के बाद अब सुपरटेक (Supertech) इस जमीन पर नए प्रोजक्ट लॉन्च (New Project) करने की योजना बना रहा है. फिलहाल, जमीन पूरी तरह से मलबे से भरी है. इसे हटाने के बाद सुपरटेक इस जमीन पर नई बिल्डिंग बनाने के बारे में सोच रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 28 अगस्त को सुपरटेक की अवैध ट्विन टावर को धमाकों से गिरा दिया गया था. इमारत गिराए जाने के बाद वहां काफी मलबा पड़ा है, इसे साफ करने में लगभग 3 महीने का समय लगेगा. 

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नए हाउसिंग प्रोजक्ट शुरू करने का प्लान

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुपरटेक के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने कहा कि रियल स्टेट फर्म मलबे के साफ होने के बाद उसी जमीन के पैच पर नई आवासीय प्रोजक्ट को शुरू कर सकता है. इस बारे में विचार किया जा रहा है. अरोड़ा ने कहा कि सुपरटेक को ट्विन टावर के ध्वस्त होने से लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. अगर अथॉरिटी उस साइट का इस्तेमाल करने की मंजूरी नहीं देता है, तो बिल्डर कंपनी जमीन की लागत और अन्य खर्चों की वापसी की मांग करेगी.

अथॉरिटी के सामने पेश होगा प्लान

अरोड़ा ने कहा कि साइट से मलबा साफ होने के बाद कंपनी एक आवास प्रोजेक्ट को विकसित करने के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी. साथ ही अगर जरूरत पड़ी तो एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के RWA से भी सहमति लेगी. उन्होने कहा- 'हमें ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट के लिए नोएडा सेक्टर 93ए में नोएडा प्राधिकरण ने 14 एकड़ भूमि आवंटित की थी. कुल भूमि में से 2 एकड़ की जमीन पर ट्विन टावर बनाए गए थे'. 

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ग्रीन जोन में नहीं जमीन

उन्होंने आगे कहा कि अब ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया गया है. हम कंपनी के स्वामित्व वाली 2 एकड़ भूमि पर एक ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट डेवलप करने का प्लान पेश करेंगे. यह पूछे जाने पर कि कंपनी को मंजूरी मिलने की कितनी उम्मीद है. इसपर अरोड़ा ने कहा कि कंपनी निश्चित रूप से एक प्लान बनाएगी. बाकी मंजूरी देना अथॉरिटी का काम है. साथ ही उन्होंने कहा कि दो एकड़ की जमीन ग्रीन जोन में नहीं आती है.

कितनी है जमीन की कीमत?

अरोड़ा ने कहा कि मौजूदा समय में जमीन की कीमत करीब 80 करोड़ रुपये होनी चाहिए. हमने इस प्रोजेक्ट में अतिरिक्त FAR (फर्श क्षेत्र अनुपात) की खरीद के लिए करीब 25 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया है.

आरके अरोड़ा ने कुछ दिन पहले कहा था कि उन्होंने कोई नियम नहीं तोड़ा था. उनके मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने टावर तोड़ने का ऑर्डर इसलिए दिया क्योंकि ट्विन टावर की हाइट बढ़ाने से पहले वहां पहले से मौजूद 15 टावर के लोगों से अनुमति नहीं ली गई थी. अरोड़ा ने इसपर भी अपनी सफाई दी. वह बोले कि यह अनुमति लेने का काम का था. जिसका प्रोविजन 2014 में स्टार्ट किया गया था.  

 

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