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उत्तराखंड के मोर्चे पर तैनात हैं दो-दो पायलट कपल

उत्तराखंड के आसमान में स्टील के पतंगे मंडरा रहे हैं. जूम इन करिए ये पतंगे नहीं फरिश्ते हैं, जो घाटियों, जंगलों और पहाड़ियों के बीच फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों तक लेकर आ रहे हैं. इन पतंगों या कहें कि हेलिकॉप्टरों को तमाम मौसमी मुश्किलों के बीच उमंग से भर उड़ाते हैं स्क्वेड्रन लीडर एसके प्रधान. कई बार प्रधान अपने एमआई 17 को निहार रहे होते हैं, तो कुछ ही दूरी पर कोई चीता हेलिकॉप्टर लैंड करता है. बाहर निकलती हैं उसकी पायलट स्क्वेड्रन लीडर खुशबू गुप्ता. दोनों एक दूसरे को देखते हैं, फौजी अभिवादन करते हैं और अपने काम में लग जाते हैं.

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इंडियन एयरफोर्स के पायलट (बांये से) प्रधान-खुशबू और विक्रम-तान्या
इंडियन एयरफोर्स के पायलट (बांये से) प्रधान-खुशबू और विक्रम-तान्या

उत्तराखंड के आसमान में स्टील के पतंगे मंडरा रहे हैं. जूम इन करिए ये पतंगे नहीं फरिश्ते हैं, जो घाटियों, जंगलों और पहाड़ियों के बीच फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों तक लेकर आ रहे हैं. इन पतंगों को तमाम मौसमी मुश्किलों के बीच उमंग से भर उड़ाते हैं स्क्वेड्रन लीडर एसके प्रधान. कई बार प्रधान अपने एमआई 17 को निहार रहे होते हैं, तो कुछ ही दूरी पर कोई चीता हेलिकॉप्टर लैंड करता है. बाहर निकलती हैं उसकी पायलट स्क्वेड्रन लीडर खुशबू गुप्ता. दोनों एक दूसरे को देखते हैं, फौजी अभिवादन करते हैं और अपने काम में लग जाते हैं.

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ये सिलसिला सूरज ढलने तक चलता है. लेकिन दिन की आखिरी उड़ान खत्म करने के बाद जब ये दोनों मिलते हैं, तो साथी अफसरों की तरह नहीं. चौंकिए मत. दरअसल दोनों का एक और भी रिश्ता है. पति-पत्नी का. चार बरस हो गए इनकी शादी को. दोनों ने कई ऑपरेशन अंजाम दिए. मगर पहली बार है कि एक ही फील्ड में दोनों की तैनाती है. और इस बार ऐसा काम है कि दम लेने की फुर्सत भी नहीं. मगर दोनों ही पायलट इस बात की शिकायत नहीं करते, बल्कि मुस्कुरा कर जवाब देते हैं कि हमने इंडियन एयरफोर्स ज्वाइन करते वक्त जो कसम खाई थी, अभी बस उसे ही पूरा कर रहे हैं.

इस साझे सफर में यह स्क्वाड्रन लीडर कपल अकेला नहीं है. उड़ान के इस मोर्चे पर एक और पायलट कपल तैनात है.इनके नाम हैं स्क्वाड्रन लीडर विक्रम और फ्लाइट लेफ्टिनेंट तान्या. इन दोनों की शादी पिछले साल ही हुई है. ये दोनों मिलकर अब तक उत्तराखंड में बचाव के लिए 100 घंटे से भी ज्यादा की उड़ान भर चुके हैं.

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प्रधान कहते हैं कि ‘हमें जो चीज स्पेशल बनाती है, वह है इंडियन एयरफोर्स के सिद्धांतों को जीने का मौका मिलना. मैंने और खुशबू ने कभी नहीं सोचा था कि किसी मिशन पर साथ भी काम कर सकते हैं.’

उधर फ्लाइट लेफ्टिनेंट तान्या का कहना है कि मुझे साथ से ज्यादा एक्साइटमेंट मिशन में शामिल होने का था. उनके मुताबिक और भी अच्छा लगा, जब पता चला कि ये भी मेरे साथ मिशन पर आ रहे हैं. लेकिन हमारी ट्रेनिंग इस तरह की है कि हम काम और रिश्ते को अलग अलग रखते हैं. इस अप्रोच के चलते ही उड़ान में आराम रहता है. तान्या जब किसी मिशन पर नहीं होती थीं और उनके पति उड़ान भरते थे, तो उनका काम अंगूठा ऊपर कर ऑल द बेस्ट बुदबुदाने का होता था. मगर अब ये काम दोनों साथी बारी-बारी कर रहे हैं एक दूसरे के लिए.

 

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