भारत की आधार (Aadhaar) प्रणाली अब इंटरनेशनल होने जा रही है. अब आइडेंटिटी के एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय मानक (International Identity Standard) की तैयारी चल रही है, जो आधार के मॉडल पर बेस्ड (Aadhaar Based) होगा. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) इसके लिए वर्ल्ड बैंक (World Bank) और संयुक्त राष्ट्र (United Nation) के साथ मिलकर काम करने की योजना बना रहा है.
कई देश पहले ही अपना चुके हैं आधार मॉडल
UIDAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौरभ गर्ग ने पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (Payments Council Of India) के कार्यक्रम डिजिटल मनी कांफ्रेंस (Digital Money Conference) में इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सल ग्लोबल आइडेंटिटी सिस्टम (Universal Global Identity System) पर सक्रियता से काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसे लेकर पड़ोसी देशों समेत कई देशों ने दिलचस्पी दिखाई है. कुछ देश तो इस मॉडल को अपना भी चुके हैं और कई अपनाने वाले हैं.
UIDAI का दावा-पूरी तरह सिक्योर है आधार
गर्ग ने दावा किया कि अब आधार भारत की 99.5 फीसदी व्यस्क आबादी (Adult Population) को कवर कर रहा है. इसने वित्तीय सेवाओं (Financial Services) को यूनिवर्सल बनाया है. यह ऐसा सिस्टम है, जिसके डिजाइन में प्राइवेसी बिल्ट-इन (Built-In) है. आधार के डेटा सेंटर सूचनाओं को आइसोलेटेड तरीके से रखते हैं. ये सब फीचर आधार को सिक्योर बनाते हैं.
आधार पर उठते रहे हैं विवाद
हालांकि आधार के डेटा में कथित सेंध को लेकर समय-समय पर विवाद खड़ा होता रहा है. कुछ ही समय पहले एक हैकर ने आधार में सेंध का दावा किया था. प्राधिकरण ने तब किसी भी प्रकार की सेंध से इनकार करते हुए आधार के पूरी तरह से सिक्योर होने का दावा दोहराया था.