अमेरिका में बैंकिंग संकट (US Bank Crisis) थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank), फिर सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) और अब फर्स्ट रिपब्लिक बैंक (First Republic Bank) पर ताला लग चुका है. एक के बाद एक बड़े बैंक धड़ाम हो रहे हैं और इस संकट के समय में फेडरल रिजर्व लगातार ब्याज दरों में इजाफा करता जा रहा है. अमेरिका से एक और बुरी खबर आ रही है. यहां के पैसिफिक वेस्टर्न बैंक (Pacific Western Bank) का भी बुरा हाल है और इसके शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिल रही है.
एक झटके में 56% टूटे बैंक के शेयर
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के लॉस एंजिल्स स्थित पैसिफिक वेस्टर्न बैंक (Pacific Western Bank) अपने बैंकिंग कारोबार में उथल-पुथल के बारे में जानकारी दी. बैंक की ओर से दिए गए बयान के मुताबिक, बीते 13 मार्च 2023 के बाद से नेट आउटफ्लो में तेज गिरावट दर्ज की गई है. इस अमेरिकी बैंक की ओर से ये बयान बीते शुक्रवार को जारी किया गया था, जबकि उसकी मूल कंपनी PacWest Bankcorp के शेयरों में बैंकिंग संकट के कारण एक सप्ताह के भीतर ही 19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. वहीं संकट के इस दौर में बैंक मैनेजमेंट द्वारा रणनीतिक विकल्पों की तलाशने की खबरों का असर बुधवार को बैंक के शेयरों पर ऐसा पड़ा, जिसने सभी को हिला दिया. बुधवार को PacWest Bancorp के शेयरों में 56 फीसदी की गिरावट देखने को मिली.
2008 से बड़ा है इस बार का संकट
अमेरिका के बैंकिंग सेक्टर में आई ये सुनामी साल 2008 के बैंकिंग संकट के समान ही नजर आ रही है. या कहें तो इस बार संकट पिछली बार से भी कहीं ज्यादा बड़ा है. एसेट्स के हिसाब से तुलना करें तो 2008 में 25 अमेरिकी बैंक धराशायी हो गए थे, जिनका कंबाइंड एसेट 374 अरब डॉलर था. वहीं इस बार अभी तक अमेरिका के तीन बैंक सिलिकॉन वैली, सिग्नेचर और फर्स्ट रिपब्लिक डूब चुके हैं और इन तीन बैंकों का ही कंबाइंड एसेट करीब 530 अरब डॉलर है. ये आंकड़ा इस बात की ओर इशारा करता है कि इस बार का अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम कितना खतरनाक है.
अमेरिका के 186 बैंकों पर संकट
अमेरिकी बैंकिंग सेक्टर पर निगाह रखने वाले कई एक्सपर्ट्स ये आशंका जाहिर कर चुके हैं कि अमेरिका के कई दूसरे छोटे-बड़े बैंक भी इस बैंकिंग सुनामी का शिकार बन सकते हैं. हाल ही में जारी एक नई रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका में 186 बैंक फिलहास संकट का सामना कर रहे हैं. इस संकट काल में फेड रिजर्व की ओर से महंगाई को काबू में करने के लिए एक के बाद एक की जा रही ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी भी हालात बदतर करती जा रही है. इस रिसर्च रिपोर्ट में फेडरल रिजर्व के पॉलिसी रेट बढ़ाने के सिलसिले के दौरान अलग-अलग बैंकों की संपत्ति के बाजार मूल्य में कमी का अनुमान लगाया गया है.
ब्याज दरें बढ़ने से बैंकों पर बुरा असर
अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने मार्च 2022 में पॉलिसी रेट बढ़ाने का जो सिलसिला शुरू किया था, वो अभी भी जारी है. मंगलवार देर रात एक बार फिर ब्याज दर में 25 बेसिस प्वाइंट या 0.25 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई. ये फेज रिजर्व द्वारा की गई लगातार 10वीं बढ़ोत्तरी है. ताजा इजाफे के बाद अब अमेरिका में ब्याज दर 5 से 5.25 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है. ये आंकड़ा इसका 16 साल का हाई है. बैंकिंग संकट के बीच ब्याज दर बढ़ाने के फैसले कर्ज लेना मुश्किल कर दिया है. दरअसल, हाई इन्टरेस्ट रेट के चलते लोगों ने कर्ज लेना कम कर दिया और खपत कम होने से इकोनॉमी धीमी होने लगी. इसका सीधा असर बैंकों की सेहत पर पड़ा और बैंकों की अर्थिक स्थिति खराब होती चली गई.