अमेरिका में बढ़ती महंगाई (US Inflation) को काबू में करने के लिए फेडरल रिजर्व (Fed Reserve) ने एक बार फिर ब्याज दरों में इजाफा किया है. पॉलिसी रेट में ये लगातार 10वीं बढ़ोत्तरी की गई है. इस बाद ब्याज दर 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 फीसदी बढ़ाई गई हैं. अमेरिका के केंद्रीय के इस फैसले के बाद अब ब्याज दर (Interest Rate) 5% से 5.25% पर पहुंच गई है, जो इसका यह 16 साल का हाई लेवल है.
मार्च 2022 से जारी है रेट हाइक का सिलसिला
US Fed ने ब्याज दर में बढ़ोत्तरी का फैसला ऐसे समय में लिया है, जबकि देश में बैंकिंग संकट चरम पर है... तीन बड़े बैंक डूब गए हैं और मंदी की आशंका भी गहराती जा रही है. आसमान छूती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला बीते साल मार्च 2022 से ही शुरू कर दिया था, जो अब तक थमा नहीं है. हालांकि, ब्याज दरों में ताजा 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा करते हुए फेड रिजर्व चीफ जेरोम पॉवेल ने अब इस रफ्तार पर ब्रेक लगाने के संकेत भी दिए हैं.
अमेरिका में संकट में सैकड़ों बैंक
गौरतलब है कि अमेरिका में बैंकिंग संकट गहराता जा रहा है. बैंकों और एक्सपर्ट्स ने इससे पहले की फेड मीटिंग में रेट हाइक में पॉज के संकेत दिए थे और सलाह दी थी कि अब ब्याज दरों में इजाफे पर विराम लगा देना चाहिए. क्योंकि बैंकों को काफी नुकसान हो रहा है. रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका के 180 से ज्यादा बैंक संकट का सामना कर रहे हैं. बता दें फेडरल पॉलिसी रेट, वह दर होती है जिस पर अमेरिका में बैंकों और वित्तीय संस्थानों को केंद्रीय बैंक कर्ज देता है. इसमें वृद्धि से उपभोक्ताओं और कारोबारियों के लिए कर्ज लेना और महंगा हो जाएगा.
मार्च में दिए थे बढ़ोत्तरी के संकेत
फेड चीफ ने मार्च महीने में रेट हाइट का ऐलान करते हुए इस बात के संकेत दिए थे कि ब्याज दर में एक बार फिर इजाफा किया जा सकता है. उन्होंने कहा था कि महंगाई अभी भी बहुत अधिक बनी हुई है और श्रम बाजार बहुत तंग है. उन्होंने कहा था कि मेरे सहकर्मी और मैं उच्च मुद्रास्फीति की वजह से होने वाली कठिनाइयों को अच्छी तरह से समझते हैं और हम इसे अपने 2 फीसदी लक्ष्य तक वापस लाने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं.
भारतीय शेयर बाजार पर दिखेगा असर
मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फेड की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी के बाद विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली कर सकते हैं, जिससे बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है. पिछले छह महीने से भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशक तेजी से पैसा निकाल रहे हैं. उसकी रफ्तार अब और बढ़ सकती है. इसके अलावा ब्याज दर बढ़ाने के फैसले से डॉलर को मजबूती मिलेगी, जिससे रुपया की कीमत घट सकती है. पहले भी देखने को मिला है कि अमेरिकी में ब्याज दरों में बदलाव होने का असर भारतीय शेयर बाजार में नजर आता है.