देश में महंगाई दर (Inflation Rate) में जरूर गिरावट आई है, लेकिन खाने-पीने की चीजों के दाम अभी भी काफी हाई पर हैं. बात करें, रेस्टोरेंट या फिर होटल में खाना खाने की तो महंगाई घटने के बावजूद बीते एक साल में यहां खाने का बिल बढ़ा ही है. एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां खाने की थानी की कीमतों में 30 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि वेज या शाकाहारी थाली की कीमत में साल-दर-साल 9 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि नॉनवेज थाली के दाम 32 फीसदी तक बढ़ गए हैं.
वेज की तुलना में नॉन-वेज थाली ज्यादा महंगी
क्रिसिल (Crisil) की ओर से पेश किया गया ये आंकड़ा देखकर कहा जा सकता है कि वेज की तुलना में नॉन वेज थाली की कीमत में बेतहाशा वृद्धि हुई है. इसके कई कारण भी बताए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि मुर्गियों के चारे की कीमत बढ़ने से ब्रॉयलर (चिकन) की कीमत में 55 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. ये एक अहम वजह है नॉनवेज थाली की कीमत बढ़ने की. इसके साथ ही देश में गेहूं के उत्पादन में गिरावट के चलते आटे का भाव सालाना आधार पर लगभग 15 फीसदी बढ़ गया है. इसके अलावा खाद्य तेलों की कीमतों में 6 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं LPG की कीमतों ने भी थाली के दाम बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है.
अप्रैल से दिसंबर 2022 तक बेतहाशा बढ़ी कीमत
रेटिंग एजेंसी द्वारा दिया गया थाली की कीमत (Vegetarian Plate Price) का ये आंकड़ा दिसंबर 2022 तक का है. इस बीच सालाना आधार पर एलपीजी की कीमतों (LPG Price) में 20 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और इस बीच सब्जियों की कीमतें 6 फीसदी बढ़ीं हैं. हालांकि, इस साल 2023 की शुरुआत से अब तक कीमतों में कुछ सुधार जरूर देखने को मिला है. अप्रैल में खाद्य तेल और चिकन की कीमतों में सालाना आधार पर 16 फीसदी और 2-4 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है. थाली की औसत कीमत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में कीमतों के आधार पर की जाती है.
इस साल दर्ज की गई मामूली गिरावट
इस साल मिली राहत से अप्रैल 2023 में वेज थाली की कीमत में बहुत ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिला. वहीं, नॉनवेज थाली की कीमत सालाना आधार पर 2 फीसदी घट गई. दरअसल, इसका कारण महंगाई दर में आई गिरावट और खाद्य पदार्थों के दाम में दर्ज की गई कमी है. गौरतलब है कि थाली की औसत कीमत में बदलाव का सीधा असर आम आदमी पर होता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गेहूं, चिकन, रसोई गैस और खाद्य तेल की ऊंची कीमतों के चलते बीते साल अप्रैल से दिसंबर 2022 के दौरान थाली की औसत कीमत हर महीने बढ़ी.
देश में महंगाई दर का हाल
महंगाई (Inflation) के मोर्चे पर आम आदमी के लिए फिलहाल राहत है. देश में रिटेल और होल-सेल महंगाई दर में मार्च 2023 में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. WPI मुद्रास्फीति मार्च में गिरकर 1.24 फीसदी पर आ गई है. इससे पिछले महीने फरवरी में ये 3.85 रही थी. तो वहीं रिटेल महंगाई यानी CPI 5.66 फीसदी दर्ज की गई थी, जबकि फरवरी में यह 6.44 फीसदी रहा था.