केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास योजना, 2024 (DTVSV) शुरू की, जो अगले महीने के पहले दिन यानी 1 अक्टूबर, 2024 से लागू हो जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मोदी 3.0 के पहले बजट (Budget) को पेश करने के दौरान प्रस्तान रखते हुए कहा था कि जल्द इनकम टैक्स (Income Tax) विवादों को निपटाने के लिए स्कीम पेश की जाएगी और अब सीबीडीटी ने इस योजना को शुरू कर दिया है. इसके जरिए टैक्स से जुड़े अनसुलझे मामलों का तेजी से निपटान किया जा सकेगा.
इन टैक्सपेयर्स को सबसे ज्यादा फायदा
विवाद से विश्वास स्कीम (Vivad Se Vishwas Scheme) केंद्र सरकार की एक ऐसी योजना है, जिसके तहत डायरेक्ट टैक्स (इनकम टैक्स) से जुड़े विवादों के समाधान का आसान मौका टैक्सपेयर्स के लिए है. सीबीडीटी की ओर से 1 अक्टूबर से प्रभावी होने वाली इस स्कीम से जुड़े नियमों को लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. इसे देखें तो सबसे ज्यादा फायदा ऐसे टैक्सपेयर्स को होने वाला है, जो 31 दिसंबर 2024 यानी साल के आखिरी दिन तक सामने आ आएंगे. उन्हें अधिकतम सेटलमेंट अमाउंट मिल सकेगा, जबकि इस डेडलाइन के बाद फाइलिंग करने वालों को कम सेटलमेंट अमाउंट दिया जाएगा.
✅CBDT notifies Rules & Forms for Direct Tax Vivad Se Vishwas Scheme, 2024 (DTVSV, 2024).
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) September 21, 2024
✅ The DTVSV, 2024 announced by the Hon'ble Finance Minister in her budget speech, shall come into force from 01.10.2024.
✅ Rules and Forms for enabling the Scheme have been notified… pic.twitter.com/XHMxq4EvKc
सरकार को स्कीम से ये बड़ी उम्मीद
विवाद से विश्वास योजना का उद्देश्य उन लोगों को राहत देना है जिनकी टैक्स देनदारी को लेकर कई तरह का विवाद है और जिनके आयकर विवाद विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं, जिनमें सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण और आयुक्त/संयुक्त आयुक्त (अपील) शामिल हैं. सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से लगभग 2.7 करोड़ प्रत्यक्ष कर मांगों का समाधान हो सकेगा, जिनकी कुल राशि लगभग 35 लाख करोड़ रुपये होगी. तेजी से इन मामलों का निपटान करने के लिए स्टार्ट की गई Income Tax Department की इस स्कीम के तहत चार तरह के फॉर्म जारी किए गए हैं.
ये चार फॉर्म किए गए हैं जारी
फॉर्म 1 - इसमें आप डिक्लेरेशन फाइल और अंडरटेकिंग देंगे
फॉर्म 2 - यह अथॉरिटी द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमाणपत्र के लिए होगा
फॉर्म 3 - इस फॉर्म के तहत घोषणाकर्ता द्वारा पेमेंट की जानकारी दी जाएगी
फॉर्म 4 - अथॉरिटी द्वारा टैक्स एरियर के फुल एंड फाइनल सेटलमेंट की जानकारी दी जाएगी
फॉर्म 1 और 3 हैं बेहद जरूरी
नई सरकारी स्कीम में फॉर्म-1 को इनकम टैक्स से जुड़े हर विवाद के लिए अलग-अलग से भरना होगा. वहीं फॉर्म-3 में आपको पेमेंट की जानकारी शेयर करनी होगी. इसमें आपको अपील, आपत्ति, आवेदन, रिट याचिका या दावे को वापस लेने के प्रमाण के साथ अथॉरिटी को देना पड़ेगा. फॉर्म 1 और 3 को टैक्सपेयर्स द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत किया जा सकेगा. ये फॉर्म आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल यानी www.incometax.gov.in पर उपलब्ध कराए जाएंगे.
क्या होता है डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स?
भारत में डायरेक्ट टैक्स के तहत इनकम टैक्स (Income Tax) आता है. जो लोग इसके लिए तय किए गए दायरे में आते हैं, उन्हें अपने इनकम ब्रैकेट के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है और इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना पड़ता है. इनडायरेक्ट के तहत वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी (GST) के मामले आते हैं. आप जो भी सामान खरीदते हैं या टेलीकॉम जैसी किसी सेवा का इस्तेमाल करते हैं, तो उस पर जीएसटी देना पड़ता है.