scorecardresearch
 

लखनऊ में 'निवेश मेला', CM योगी का ये है मकसद, जानिए क्या होती है ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट? समझें पूरी ABCD...

उत्तर प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UP Global Investors Summit) का आयोजन 10 से 12 फरवरी तक किया जाएगा. इसमें करीब 13 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेने वाले हैं. इनमें यूएई, जापान, जर्मनी, थाईलैंड, मैक्सिको, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, नीदरलैंड, बेल्जियम, कनाडा और अर्जेंटीना शामिल हैं.

Advertisement
X
इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने का उद्देश्य क्या?
इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने का उद्देश्य क्या?

देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को गति देने में राज्यों की भी अहम भूमिका होती है. इस उद्देश्य को पूरा करने में इन्वेस्टर्स समिट अहम भूमिका निभाती है. राज्य अपनी-अपनी रणनीति बनाकर इसका आयोजन करते हैं, जिसमें दुनिया भर के निवेशकों का जमावड़ा लगता है. 10 फरवरी 2023 से उत्तर प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UP Global Investors Summit) का आजोयन होने जा रहा है और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आइए समझते हैं कि आखिर इसका क्या फायदा होता है?

Advertisement

इन्वेस्टर्स समिट के पीछे ये मकसद
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) का आयोजन करने के पीछे सबसे बड़ा मकसद राज्य में बाहरी निवेशकों को आकर्षित (Attract Investors) करना होता है. इसमें दुनिया भर के निवेशकों और कंपनियों को आमंत्रित किया जाता है. आयोजन में शामिल होने वाली कंपनियों को विस्तार से राज्य सरकार की ओर से कॉरपोरेट सेक्टर में छूट से लेकर व्यवस्थाओं तक के बारे में बताया जाता है. साफ शब्दों में कहें तो कंपनियों और निवेशकों को इस बात के लिए आश्वस्त किया जाता है कि अगर वे राज्य में अपना पैसा या सेटअप स्थापित करेंगे तो उन्हें तमाम सहूलियतें दी जाएंगी, जिससे उन्हें कारोबार (Business) करने में आसानी हो. 

कारोबार जमाने के लिए कई सहूलियतें
State Govt द्वारा दी जाने वाली सहूलियतों की बात करें तो इनमें सिंगल विंडो सिस्टम (Single Window System), यानी एक ही जगह पर सभी तरह की अप्रूवल मिलने की सुविधा दी जाती है. जिससे राज्य में कारोबार जमाने का मन बनाने वाले इन्वेस्टर्स को यहां-वहां भटकना न पड़े. उत्तर प्रदेश में फैक्टरी लगाने के लिए उद्यमियों को आवेदन करने पर 72 घंटे में एक हजार दिन की एनओसी मिलने की बात कही गई है. इसके साथ ही सस्ते वर्कफोर्स (Work Force), लैंड से लेकर कई की छूटें देकर निवेशकों को आकर्षिक करने का प्रयास किया जाता है. जो राज्य इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करता है वो अलग-अलग देशों रोड-शो (Road Show) करते हुए अपना प्रमोशन करते हैं.

Advertisement

PM Modi करेंगे उद्घाटन
उत्तर प्रदेश में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स की बात करें तो राज्य सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पूरी तैयारी की है. इस समिट का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पहुंचेंगे. यूपी को एक ट्रिलियन की इकोनॉमी (UP 1 Trillion Economy) बनाने के लक्ष्य के तहत इसका आयोजन किया जा रहा है और इसमें निवेश MoU 25 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Govt) अमेरिका, सिंगापुर समेत कई देशों में रोड शो के जरिए इसका प्रमोशन भी कर चुकी है. 

यूपी ने सिंगापुर को चुना फर्स्ट कंट्री पार्टनर
देश की जीडीपी (India GDP) में 8 फीसदी का महत्वपूर्ण योगदान देने वाले उत्तर प्रदेश में निवेश बढ़ाने के इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है. 12 फरवरी तक चलने वाले इस समिट में 13 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेने वाले हैं. जिन देशों के औद्योगिक विकास मंत्रियों को निमंत्रण भेजा गया, उनमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE), जापान, जर्मनी, थाईलैंड, मैक्सिको, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, नीदरलैंड, बेल्जियम, कनाडा और अर्जेंटीना शामिल हैं. यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 के लिए सिंगापुर को फर्स्ट कंट्री पार्टनर चुना गया है.


ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए 13 देशों के औद्यौगिक मंत्रियों/सचिवों को निमंत्रण भेजा गया था. उत्तर प्रदेश में 304 विदेशी कंपनियों को लाने की तैयारी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य मंत्री खुद निवेश के लिए बातचीत करेंगे. सबसे ज्यादा 53 कंपनियां अमेरिका से आने वाली हैं. जहां तक कंपनियों की बात है तो गूगल, एप्पल, रोल्स रॉयस, सुजुकी, वालमार्ट, अमेजन, जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर,. मर्क, मर्सिडीज, लॉरेल, व फिलिप्स वगैरह हैं.

Advertisement


 

Advertisement
Advertisement