RBI Retail Direct Scheme: अमेरिका जैसे विकसित बाजारों की तर्ज पर अब आम भारतीयों को भी सरकारी बॉन्ड आदि में पैसा लगाने का मौका मिला है. पीएम मोदी ने शुक्रवार को आरबीआई रिटेल डायरेक्ट स्कीम को शुरू कर दिया है. इससे अब आप शेयर बाजार की तरह बॉन्ड, ट्रेजरी बिल आदि सरकारी प्रतिभूतियों (Government securities) में भी पैसा लगाकर अच्छी कमाई कर सकेंगे. यह निवेश काफी सुरक्षित भी होता है, क्योंकि इनमें रिटर्न की सरकार गारंटी देती है.
क्या होती हैं गवर्नेमेंट सिक्योरिटीज
सरकार को भी विकास जैसे तमाम काम के लिए पैसा चाहिए होता है. यह पैसा जुटाने के लिए सरकार अक्सर बॉन्ड आदि जारी करती है. यह कर्ज की तरह होता है. यानी सरकार इस बॉन्ड के द्वारा कर्ज जुटाती है. ऐसे बॉन्ड से जुटाया गया पैसा सरकारी योजनाओं में लगाया जाता है और इस पैसे की वापसी और निश्चित रिटर्न देने की जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार की होती है. इसलिए सरकारी बॉन्ड काफी सुरक्षित माने जाते हैं.
लॉन्ग टर्म के निवेश
सरकारी बॉन्ड को खरीदना लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के तौर पर देखा जाता है. इस तरह के बॉन्डों की मैच्योरिटी की अवधि एक से 30 साल की होती है. बॉन्ड से मिलने वाले रिटर्न को यील्ड कहा जाता है.
क्या है RBI Retail Direct Scheme
सरकारी बॉन्ड खरीदने के लिए अब खुदरा निवेशक आरबीआई के साथ रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (RDG) अकाउंट खोल सकते हैं. इन अकाउंट के द्वारा आम लोग भी सरकारी सिक्योरिटी (G-Sec) की खरीद-फरोख्त कर पाएंगे. पहले ऐसे प्रतिभूति या बॉन्ड में निवेश संस्थागत निवेशक ही कर पाते थे.
कौन खोल सकता है RDG अकाउंट
रिजर्व बैंक के मुताबिक रिटेल अकाउंट वही निवेशक खोल सकते हैं जो इन शर्तों को पूरा करते हों: