अगर आप कोई नया वाहन खरीदते हैं, तो फिर उसका थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) कराना जरूरी होता है. साल 2018 से सभी नई बाइक की खरीद के साथ ही उनका 5 साल का और कार की खरीद पर 3 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना अनिवार्य कर दिया गया था. अब सवाल ये कि आखिर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होता क्या है और ये इतना जरूरी क्यों है? तो आप इसके फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. यहां एक बात बता दें कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस वाहन मालिक का नहीं होता है, इसके बावजूद ये बेहद जरूरी है.
क्या होता है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस?
सबसे पहले किसी नई गाड़ी को खरीदने पर उसके मालिक को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य होता है. ये भले ही गाड़ी मालिक को कवर नहीं देता है, लेकिन उस वाहन से किसी भी सड़क दुर्घटना के दौरान उससे चोटिल होने वाले व्यक्ति को बीमा कवर मिलता है. इसे लाइबिलटी कवर के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह बीमा तीसरे पक्ष से संबंधित होता है. इस बीमा को अनिवार्य करने के पीछे भी एक बड़ा कारण रहा है. दरअसल, ऐसे लोगों की तादाद काफी अधिक है, जो अपने वाहन का बीमा एक साल के बाद कराने से कतराते हैं, तो इस बात को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को पांच साल के लिए अनिवार्य किया है.
आर्थिक नुकसान से बचाने में कारगर
अब सबसे बड़ा सवाल कि आखिर इस थर्ड पार्टी इंश्योरेंस से जब गाड़ी मालिक को कोई कवर ही नहीं मिलता, तो फिर इसे लेने का क्या फायदा? तो बता दें Third Party Insurance गाड़ी मालिक को बीमा कवर नहीं देता है, लेकिन ये दूसरे तरीके से उनके लिए बेहद मददगार साबित होता है. यह इंश्योरेंस बीमाधारक को सभी वाहन दुर्घटना में होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने का काम करता है. इनमें दुर्घटना के बाद अस्पताल में होने वाले खर्चे या फिर अन्य कानूनी काम-काज की लागत को कवर कर लेता है. इन सबका का क्लेम बीमा कंपनी द्वारा दिया जाता है.
ऐसे समझें थर्ड पार्टी का मतलब
Third Party Insurance के अंतर्गत वाहन से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को होने वाली शारीरिक नुकसान होता है तो उसका हर्जाना बीमा कंपनी की ओर से भरा जाता है. इसके अलावा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत संपत्ति को होने वाले नुकसान की भरपाई भी बीमा कंपनी ही करती है. यहां आपको ध्यान देना होगा कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत केवल दुर्घटना से हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई ही बीमा कंपनी करती है. बीमा कंपनी तीसरी पार्टी को क्लेम देती है. यहां फर्स्ट पार्टी वाहन चलाने वाला और थर्ड पार्टी वाहन की चपेट में आने वाला होता है.
इन नुकसान का क्लेम देती है बीमा कंपनी
ये नुकसान इस इंश्योरेंस में कवर नहीं
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस न होने पर जुर्माना
गौरतलब है कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस आपको किसी दुर्घटना में होने वाले नुकसान की भरपाई करने में अहम रोल निभाता है. बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के वाहन चलाते हुए पकड़े जाने पर 2000 रुपये तक का जुर्माना या 3 महीने तक जेल की सजा का प्रावधान है. वहीं अगर वाहन चालक इस तरह की लापरवाही बार-बार बरतता है, तो फिर एक साथ ये दोनों सजाएं दी जा सकती है.