अगर आप भी इस बात को लेकर बहुत कन्फ्यूज हैं कि क्रिप्टो (Crypto) को एसेट क्यों माना जाए, करेंसी क्यों नहीं तो आपको देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. के. वी. सुब्रमण्यम की ये बात जरूर सुननी चाहिए, जो उन्होंने बिजनेस टुडे के क्रिप्टो कॉन्क्लेव (BT Crypto Conclave) में कही.
करेंसी होने के लिए ये 3 बातें जरूरी
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. के. वी. सुब्रमण्यम ने कहा कि जो भी लोग इकोनॉमिक्स की बेसिक समझ रखते हैं, उन्हें पता है कि किसी भी करेंसी के 3 गुण होते हैं. पहला करेंसी ये बताती है कि आपके पास कितना धन (Note of Account) है, दूसरा ये बताती है आपके पास जो धन है उसका मूल्य क्या है (Store of Value), तीसरा ये विनिमय का माध्यम (Medium of Exchnage) होती है.
क्रिप्टो क्यों नहीं हो सकती करेंसी?
उन्होंने कहा कि अगर क्रिप्टो को आप करेंसी के इन पैमानों पर परखेंगे तो आपको ये बात समझ आएगी कि क्रिप्टो करेंसी क्यों नहीं (Why Crypto can not uesd as currency?) हो सकती है?
सुब्रमण्यम ने ‘पिज्जा’ खरीदने का एक उदाहरण देकर समझाया कि अगर किसी व्यक्ति ने 10 साल पहले 10,000 बिटकॉइन देकर 2 पिज्जा खरीदे, तो आज की तारीख में वो दोनों पिज़्जा दुनिया के सबसे महंगे करीब 40 करोड़ डॉलर के पिज़्जा हो गए. इसी तरह अगर आज वह बिटकॉइन का इस्तेमाल करके पिज्जा खरीदें तो वो ये सोचेंगे कि अभी क्यों इसका पेमेंट करें क्योंकि एक महीने बाद इसकी वैल्यू बढ़ जाएगी. क्रिप्टो की इसी अस्थिरता की वजह से ये मीडियम ऑफ एक्सचेंज नहीं बन सकती.
इसके अलावा अगर क्रिप्टो को नोट ऑफ एकाउंट और स्टोर ऑफ वैल्यू की कसौटी पर कसें, तो क्रिप्टो को स्थिर होना जरूरी है. शायद इसलिए अब कई फिक्स्ड वैल्यू वाले क्रिप्टो कॉइन मार्केट में आ रहे हैं.
सुब्रमण्यम दिसंबर 2018 से दिसंबर 2021 तक भारत सरकार में मुख्य आर्थिक सलाहकार थे. उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की डिजिटल करेंसी (CBDC) को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि डिजिटल करेंसी को लेकर उनकी समझ है कि ये देश में जब भी आएगी तब नैरो मनी ( यानी कि वो मुद्रा जो देश के लोगों के हाथ में है) होगी, ना कि ब्रॉड मनी (बैंक में जमा पैसे) का.
ये भी पढ़ें: