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एक बजट हो सपनों का, ताकि सुधरे घर का बजट

एक बजट हो सपनों का, ताकि सुधरे घर का बजट

आज संसद में आम बजट पेश होना है. यूपीए सरकार में प्रणब मुखर्जी का यह दूसरा बजट है. पिछली बार तैयारी के लिए उन्हें वक्त नहीं मिल पाया था और इस बार महंगाई सिर चढ़कर बोल रही है. ऐसे में प्रणव दा के लिए चुनौती ये है कि कैसे वो आम लोगों पर बोझ को कम करें.

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