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कोरोना

7 साल की बच्ची को कोरोना से संबंधित दुर्लभ बीमारी, कोविड के लक्षण तक नहीं

Girl rushed to hospital with Rare syndrome of corona
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कोरोना वायरस ने एक बार फिर दिखा दिया कि वह बिना कोई लक्षण दिखाए भी किसी को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है. कोरोना वायरस से संबंधित एक दुर्लभ सिंड्रोम ने एक सात साल की बच्ची को बहुत बीमार कर दिया है. ये मामला वेल्स के ब्रिजेंड इलाके का है, जहां बच्ची की जांच करने पर उसके शरीर में कोरोना के कोई लक्षण नहीं मिलते, लेकिन कोरोना से संबंधित एक खतरनाक बीमारी से वह जूझ रही होती है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

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ये कहानी है वेल्स (Wales) के ब्रिजेंड (Bridgend) में रहने वाली सात वर्षीय सिएना मैक्ग्वायर (Sienna McGurire) की. उसे बिना कोरोना हुए पीडियाट्रिक मल्टीसिस्टम इन्फ्लामेट्री सिंड्रोम (Paediatric Multisystem Inflammatory Syndrome) हो गया है. इसे PIMS भी कहते हैं. इस बीमारी में शरीर के विभिन्न अंग सूजने लगते हैं. बुखार आता है. ये बीमारी कावासाकी सिंड्रोम (Kawasaki Syndrome) जैसी ही है लेकिन उससे कहीं ज्यादा खतरनाक. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

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डेली मिरर की खबर के अनुसार जब सिएना की मां डेबी ने बच्ची को बीमार देखा तो तुरंत उसे प्रिंसेज वेल्स हॉस्पिटल ले गईं. वहां जांच में बच्ची को PIMS होने की बात सामने आई. हालांकि PIMS बेहद दुर्लभ बीमारी है. इससे ज्यादातर बच्चे बीमार नहीं पड़ते. लेकिन किसी खास स्थिति में ये जानलेवा भी हो सकती है. ये उन बच्चों को भी हो सकती है, जिन्हें कोरोना संक्रमण हुआ हो लेकिन उनके शरीर में कोई लक्षण न दिख रहे हो. ये बच्चों को 2 से 6 हफ्ते तक बीमार कर सकता है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

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डेबी ने बताया कि सिएना को कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं. इसके बावजूद ये बीमारी कैसे हुई उसे एकदम आइडिया नहीं है. यहां तक डॉक्टर भी इस दुर्लभ बीमारी के आने से परेशान हैं. डेबी ने बताया कि उसके स्कूल में कोरोना का संक्रमण फैला था, सात बच्चे और एक टीचर पॉजिटिव पाए गए थे, लेकिन उस समय भी सिएना निगेटिव थी. उसमें कोई लक्षण नहीं दिखाई दिया था. लेकिन कई हफ्तों के बाद वह 8 जनवरी को बीमार पड़ गई. 10 जनवरी को उसका तापमान बहुत ज्यादा था. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

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डेबी ने बताया कि मैंने कावासाकी सिंड्रोम के बारे में पढ़ा था. मैंने देखा कि सिएना के होठ और जीभ ज्यादा लाल दिख रहे हैं. मैंने तुरंत 111 नंबर पर कॉल किया और एंबुलेंस बुलाया. इस दौरान में उसके दोनों हाथों में रैशेस भी देखे. प्रिंसेस वेल्स अस्पताल में पहले डॉक्टरों को लगा कि बैक्टीरियल इन्फेक्शन है. लेकिन सिएना का बुखार कम नहीं हो रहा था. डॉक्टरों ने उसे शेफील्ड चिल्ड्रन हॉस्पिटल भेजने का फैसला किया, क्योंकि सिएना की हालत बिगड़ रही थी. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

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शेफील्ड चिल्ड्रन हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने डेबी को बताया कि सिएना को पीडियाट्रिक मल्टीसिस्टम इन्फ्लामेट्री सिंड्रोम (Paediatric Multisystem Inflammatory Syndrome) हो गया है. यह कोरोना से संबंधित बीमारी है, जिसकी वजह से शरीर में और अंदरूनी अंगों में सूजन आ जाता है. इससे टिश्यू डैमेज हो सकता है या फिर अंग काम करना बंद कर सकते हैं. लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि उनके पार हर हफ्ते ऐसे 5-6 केस आते हैं. सभी बच्चे ठीक होकर जा रहे हैं. इसलिए आप घबराइए नहीं. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

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फिलहाल सिएना सुरक्षित है. उसका इलाज शेफील्ड चिल्ड्रन अस्पताल में चल रहा है. सिएना की मां और अस्पताल के डॉक्टरों ने दुनिया भर की मांओं से अपील की है कि वो अपने बच्चों में ऐसे कोई लक्षण देखें तो उसे तुरंत अस्पताल या डॉक्टर के पास लेकर जाएं. क्योंकि कोरोना के चलते कुछ बीमारियां चुपचाप बच्चों और बड़ों को बीमार कर रही है. जबकि, ये लोग कोरोना संक्रमित नहीं होते. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

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