अमेरिका में फाइजर और मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन के जरिए टीकाकरण हो रहा है, लेकिन वैक्सीनेशन कैंपेन को अब कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इनमें से एक प्रमुख चुनौती है कि लोग वैक्सीन लगाने से मना कर रहे हैं. न्यूज एजेंसी AP की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना पीड़ित लोगों की मौत को करीब से देखने वाले काफी स्वास्थ्यकर्मी वैक्सीन लगाने से मना कर रहे हैं.
अमेरिका में टीकाकरण शुरू हुए तीन हफ्ते हो चुके हैं और कई जगहों पर 80 फीसदी स्वास्थ्यकर्मियों ने टीका लगाने से मना कर दिया है. नर्सिंग होम और हॉस्पिटल में काम करने वाले स्टाफ इनमें शामिल हैं. हालांकि, वैक्सीन लगवाने से मना करने वाले लोगों में नर्सिंग होम में काम करने वाले स्टाफ हॉस्पिटल वाले स्टाफ की तुलना में अधिक हैं.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर अफवाहों से लोगों में डर फैल गया है. कई लोग ये मानने लगे हैं कि वैक्सीन काफी जल्दबाजी में तैयार की गई है. अमेरिका के ओरेगांव के सर्जन डॉक्टर स्टीफन नोबल ने कहा- 'मुझे नहीं लगता कि कोई गिनी पिग बनना चाहता है. विज्ञान से जुड़ा एक शख्स होने के नाते मैं यह देखना चाहता हूं कि डेटा क्या कह रहा है. मुझे पूरा डेटा दीजिए.'
स्वास्थ्यकर्मियों के वैक्सीन लगाने से इनकार करने की वजह से कई संस्थाओं ने फ्री ब्रेकफास्ट और कार लॉटरी जैसी योजना भी शुरू की है. वहीं, कई अमेरिकी राज्यों ने चेतावनी दी है कि अगर स्वास्थ्यकर्मी वैक्सीन नहीं लगवाएंगे तो अन्य लोगों को उनके हिस्से की खुराक दे दी जाएगी. वहीं, 30 साल की नर्स स्टोर्मी टैटम ने कहा कि फिलहाल उन्होंने वैक्सीन नहीं लगाने का फैसला किया है. क्योंकि लंबे वक्त में टीके का क्या साइड इफेक्ट होगा, यह पता नहीं है.