रवीन्द्र कुमार ने आगे बताया, 'हमने रवींद्रनाथ टैगोर के शब्दों का उल्लेख किया है -'नहीं नहीं होए, होबे होबे जोए, कोरोना होब पराजोय. ' हमें विश्वास है कि हम इस लड़ाई में जीतेंगे. मैं हर ग्राहक को इस मिठाई का स्वाद चखने के लिए दूंगा. हमने केवल मिठाई ही नहीं, बल्कि राज्य सरकार को लोगों को क्वारंटीन के लिए पांच
मंजिला इमारत दी है. उन्होंने राज्य सरकार के राहत कोष में एक लाख रुपये का
दान भी किया है.