अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने सोमवार को दावा किया कि उसकी कोरोना वैक्सीन (mRNA-1273) 94.5 फीसदी प्रभावी साबित हुई है. इससे पहले अमेरिकी कंपनी फाइजर ने कहा था कि उसकी कोरोना वैक्सीन 90 फीसदी प्रभावी रही है. लेकिन कई रिपोर्ट्स में मॉडर्ना की वैक्सीन को तुलनात्मक रूप से बेहतर बताया गया है. आइए जानते हैं किन वजहों से मॉडर्ना की वैक्सीन बेहतर साबित हो सकती है?
2. नई तकनीक से बनाई गई है वैक्सीन
मॉडर्ना की वैक्सीन नई तकनीक (मैसेंजर mRNA) पर आधारित है. mRNA तकनीक इंसानी शरीर को वैक्सीन फैक्ट्री में तब्दील कर देती है. यह वैक्सीन शरीर के सेल्स को वायरस प्रोटीन बनाने के लिए प्रेरित करती है.
1. मॉडर्ना की वैक्सीन को स्टोर करना आसान
मॉडर्ना कंपनी ने लेट-स्टेज क्लिनिकल ट्रायल के अंतरिम डेटा के आधार पर कहा है कि वैक्सीन 94.5 फीसदी सफल रही है. इस वैक्सीन को 30 दिनों तक सामान्य फ्रीज के तापमान पर रखा जा सकता है. वहीं, 6 महीने तक स्टोर करने के लिए माइनस 20 डिग्री तापमान की जरूरत होगी. लेकिन फाइजर की वैक्सीन सिर्फ 5 दिन ही सामान्य फ्रीज के तापमान पर सुरक्षित रह सकती है और लंबे वक्त तक स्टोर करने और एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए फाइजर की वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री तापमान की जरूरत होती है. इस वजह से मॉडर्ना की वैक्सीन की सप्लाई आसान हो सकती है.
3. वैक्सीन लगाने पर संक्रमण हुआ भी तो गंभीर बीमार नहीं होंगे लोग
मॉडर्ना वैक्सीन के ट्रायल के अंतरिम डेटा के मुताबिक, 95 संक्रमण के मामलों में सिर्फ 5 लोग ऐसे थे जिन्हें वैक्सीन दी गई थी. 28 दिनों के अंतर पर वैक्सीन की दो खुराक दिए जाने के बाद भी 5 लोग कोरोना से संक्रमित हो गए. लेकिन ट्रायल डेटा से यह भी पता चला है कि वैक्सीन लगाने के बाद जिन चंद लोगों को संक्रमण का सामना करना पड़ा, उनमें से कोई भी गंभीर बीमार नहीं हुए. वहीं, फाइजर की वैक्सीन क्या लोगों को गंभीर बीमार होने से बचाती है, इस सवाल का जवाब अब तक नहीं मिला है.
4. इसी साल मॉडर्ना शुरू कर सकती है सप्लाई
मॉडर्ना के ट्रायल में शामिल 95 मामलों के विश्लेषण से पता चला कि 11 लोग कोरोना से गंभीर रूप से बीमार हुए, लेकिन इन सभी लोगों को वैक्सीन नहीं बल्कि प्लेसबो दिया गया था. मॉडर्ना कंपनी अमेरिकी सरकार के ऑपरेशन वार्प स्पीड प्रोग्राम का हिस्सा है जो जल्द वैक्सीन तैयार करने के लिए शुरू किया गया है. मॉडर्ना कंपनी इसी साल वैक्सीन की 2 करोड़ खुराक की सप्लाई अमेरिका को कर सकती है. वहीं, कंपनी 2021 में अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों में वैक्सीन की 50 करोड़ से एक अरब खुराक तक उत्पादन करने की उम्मीद कर रही है.
5. किसी भी अन्य वैक्सीन से अधिक प्रभावी
फाइजर कंपनी ने अपनी वैक्सीन के 90 फीसदी प्रभावी होने का दावा किया है. रूसी वैक्सीन Sputnik-V का सीमित डेटा ही सार्वजनिक किया गया है, इसलिए रूसी वैक्सीन के भरोसेमंद होने पर सवाल उठते रहे हैं. वहीं, 11 नवंबर को रूस ने कहा था कि 20 संक्रमण के मामलों का विश्लेषण करने पर पता चला है कि वैक्सीन 92 फीसदी प्रभावी रहती है. लेकिन मॉडर्ना की वैक्सीन इन सबसे कहीं अधिक 94.5 फीसदी प्रभावी साबित हुई है. वहीं, चीन की विभिन्न वैक्सीन के ट्रायल से जुड़ा डेटा अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है.