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कोरोना

चीन में कोरोना की नई लहर... पाबंदियों से बवाल, तस्वीरों में देखें बीजिंग से शंघाई तक का हाल

चीन में एक दिन में आए कोरोना के सबसे ज्यादा केस
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चीन में कोरोना के केसों ने फिर से तेजी पकड़ ली है. यहां बुधवार को एक दिन में कोविड के अब तक के सबसे ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो के मुताबिक चीन में 24 घंटे में कुल 31,454 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 20 नवंबर को 26,824 मामले में सामने आए थे. चीन में ऐसे हालात तब हैं, जब यहां 92 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है.

चीन में कोरोना से छह महीने बाद तीन लोगों की मौत
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चीन में छह महीने में कोविड से अब तक तीन मौतें हो चुकी हैं. चीन में पिछली बार 26 मई को कोरोना से एक शख्स की जान चली गई थी. अब 21 नवंबर को बीजिंग में एक 87 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई है. बीजिंग में हालात ज्यादा खराब हैं. यहां मंगलवार को 1438 केस सामने आए थे.

चीन में कोरोना से 11 महीने में 29889 की हो चुकी मौत
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चीन में 3 जनवरी 2020 से तक 23 नवंबर 2022 तक कोरोना से कुल 29,889 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 9,523,014 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. वहीं 6 नवंबर 2022 तक कुल 3,461,948,727 वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है.

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चीन में फिर से सख्त प्रतिबंध लागू
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चीन में कोरोना के बढ़ते ही सख्त जीरो कोविड पॉलिसी लागू कर दी गई है. उसने अपनी सीमाओं को ज्यादातर बंद कर दिया है. लंबे समय से लागू सख्ती के कारण लोगों में बढ़ते गुस्से के बावजूद चीन लॉकडाउन, क्वारंटीन, केस ट्रेसिंग और सामूहिक परीक्षण कर रहा है. बीजिंग में लोगों को एक से दूसरे शहरों के बीच यात्रा नहीं करने के लिए कहा गया है. यहां बड़ी संख्या में रेस्तरां, दुकानें, मॉल, ऑफिस और अपार्टमेंट ब्लॉक सब कुछ बंद कर दिए गए हैं. 

बीजिंग में 3.5 मिलियन लोगों से घर में ही रहने की अपील
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शहरी इलाकों में 21 मिलियन स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है. बीजिंग की यात्रा करने वालों को तीन दिनों के लिए क्वारंटीन में रहना होगा. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बीजिंग के सबसे बड़े कब्से चाओयांग के लगभग 3.5 मिलियन निवासियों से घर पर रहने का आग्रह किया गया है.

चीन में राजनीति के कारण बेकाबू हुआ कोरोना
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विदेशी विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा केस आने की बड़ी वजह चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) का जांच में हस्तक्षेप करना है. चीन ने लोगों की रक्षा करने की अपनी क्षमता पर काम करने से ज्यादा प्रचार किया. चीन ने कोरोना के प्रकोप के दौरान स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं पर राजनीति की.

चीन में लंबे समय से बंद हैं फैक्ट्रियां और बंदरगाह
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चीन में एक ही समय में कई शहरों में लॉकडाउन लगा दिया गया. इनमें 17.5 मिलियन आबादी वाला शेनझेन शहर भी शामिल है, जो चीन के प्रौद्योगिकी क्षेत्र का केंद्र है. इसके अलावा 26 मिलियन आबादी वाला शहर शंघाई में भी लॉकडाउन लगा है, जो चीन का विनिर्माण, व्यापार और वित्तीय केंद्र है. लॉकडाउन के कारण फैक्ट्रियां और बंदरगाह लंबे समय तक बंद हैं. 

चीन की अर्थव्यवस्था एक साल में केवल 3.9% बढ़ी
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चीन में लॉकडाउन ने विदेशी कंपनियों के साथ कई संयुक्त उद्यमों को प्रभावित किया है. इसका नतीजा यह रहा है कि चीन की अर्थव्यवस्था पिछले वर्ष की तुलना में केवल 3.9% बढ़ी है, जबकि चीन ने 2022 के लिए 5.5% का विकास लक्ष्य रखा था.

पाबंदियां झेल रहे लोगों में भारी गुस्सा
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चीन में लोग लंबे समय से तमाम सख्तियों के बीच रह रहे हैं. लोगों का जीवन और तमाम तरह के बिजनेस बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. चीन में जगह-जगह लोग के लिए सड़कों पर उतरने लगे हैं. उनकी सुरक्षाकर्मियों से झड़प भी हो रही है. 

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आईफोन फैक्ट्री के कर्मचारियों ने किया बवाल
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मध्य चीन के झेंग्झौ में पिछले दिनों फॉक्सकॉन की आईफोन की दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री के हजारों कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया था. आईफोन आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन के कर्मचारियों ने कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के दौरान काम किया. मगर कंपनी उन्हें बोनस का भुगतान देरी से करना चाहती है, इसलिए कर्मचारी विरोध कर रहे थे. हिंसक विरोध के बाद चीन ने झेंग्झौ में कोविड लॉकडाउन का आदेश दिया.

कर्मचारियों के लिए कोरोना से सुरक्षा के इंतजाम नहीं
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कंपनी ‘फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप’ के संचालक ने भी बताया था कि पिछले महीने हजारों कर्मचारी कोरोना के खिलाफ सुरक्षा के अपर्याप्त उपायों और बीमार पड़ने वाले सहकर्मियों को कोई मदद नहीं मिलने की शिकायतों के कारण कारखाना छोड़कर चले गए थे. 

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