चीन में कोरोना वायरस के मामले दिसंबर 2019 में सामने आने लगे थे. इसके बाद कई लैब में कोरोना की जांच चल रही थी. इसी दौरान वायरस के सैंपल को लेकर चीन ने 3 जनवरी को एक आदेश जारी किया था. आइए जानते हैं, क्या था चीन का आदेश-
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो सहित कई नेता चीन पर कोरोना वायरस को लेकर सवाल उठाते रहे हैं. पोम्पियो ने पिछले महीने यह भी कहा था कि चीन ने कोरोना वायरस के सैंपल नष्ट करवा दिए थे और कोरोना से जुड़ी जानकारी दुनिया से छिपाने की कोशिश की थी. हालांकि, अब चीन का कहना है कि ऐसा स्थानीय कानून के तहत किया गया.
खुद चीन के नेशनल हेल्थ कमिशन के सुपरवाइजर लीऊ डेंगफेंग ने मामले पर अपने देश का पक्ष रखा है. न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, लीऊ ने कहा है कि सुरक्षा कारणों से वायरस के सैंपल नष्ट करने को कहा गया था.
लीऊ डेंगफेंग का कहना है कि अनधिकृत लैब कोरोना वायरस रखने में सक्षम नहीं थे, इसलिए आदेश जारी करके उन्हें वायरस नष्ट करने को कहा गया. उन्होंने कोरोना से जुड़ी जानकारी छिपाने के आरोप को खारिज कर दिया.