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कोरोना

कोरोना: लापता हो रहे हैं चीन का सच बताने वाले सिटिजन जर्नलिस्ट

कोरोना: लापता हो रहे हैं चीन का सच बताने वाले सिटिजन जर्नलिस्ट
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चीन में सच बोलना तब गुनाह हो जाता है जब वो सरकार के खिलाफ हो या उसकी कार्य प्रणाली के विरुद्ध. चीन में कोरोना वायरस को लेकर उसकी सच्चाई दिखाने, बताने और सुनाने वाले सिटिजन जर्नलिस्ट गायब हो रहे हैं. कुछ हिरासत में हैं. कुछ का अता-पता ही नहीं है. न जाने ये लोग कहां गए. न जाने चीन इन पत्रकारों और व्लॉगरों की आवाज दबा कर क्या छिपाना चाहता है. आइए जानते हैं इन पत्रकारों और व्लॉगरों के बारे में दो हाल के दिनों में चीन में लोगों की नजरों के सामने से लापता हो गए...
कोरोना: लापता हो रहे हैं चीन का सच बताने वाले सिटिजन जर्नलिस्ट
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ताजा मामला है एक पूर्व वकील और सिटिजन जर्नलिस्ट का जो शंघाई से हैं और उन्होंने कोरोना वायरस महामारी को लेकर चीन की सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. पत्रकार झांग झान (फोटो में) ने सोशल मीडिया पर चीन की कम्यूनिस्ट सरकार के काम के बारे में एक आर्टिकल लिखा था. जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. (फोटोः SCMP)
कोरोना: लापता हो रहे हैं चीन का सच बताने वाले सिटिजन जर्नलिस्ट
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37 वर्षीय झांग झान के परिवार को सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर संदेश भेजा गया है कि वो शंघाई के पुडॉन्ग न्यू डिस्ट्रिक्ट के डिटेंशन सेंटर में कैद हैं. उनके ऊपर झगड़ा कराने और मुसीबतें खड़ी करने का आरोप है. आपको बता दें कि चीन में आमतौर पर इसी आरोप के तहत लोगों को कैद में रखा जाता है. झांग वुहान में तब से थीं, जब कोरोना वायरस का पहला केस सामने आया था. (फोटोः रॉयटर्स)
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झांग ने कोरोना वायरस को लेकर चीन की सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए यूट्यूब, ट्विटर और अन्य चीनी सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किए थे. इसके बाद चीन में यूट्यूब और ट्विटर को ब्लॉक कर दिया गया था. (फोटोः रॉयटर्स)
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वुहान में कुछ और सिटिजन जर्नलिस्ट के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई की गई. कुछ लापता हो गए हैं. तो कुछ जेल गए और छोड़ दिए गए. इनके नाम हैं- ली जेहुआ उर्फ क्रिस ली, चेन क्वीशी, फैंग बिन और झांग ज्यूझॉन्ग.
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पत्रकार ली जेहुआ उर्फ क्रिस ली दो महीने तक गायब रहने के बाद अप्रैल के अंत में सोशल मीडिया पर दिखाई दिए. जिसमें वो कह रहे थे कि उन्हें कुछ दिनों के लिए क्वारनटीन सेंटर में रखा गया था. इसके बाद वे आइसोलेशन फैसिलिटी में भेज दिए गए थे. ली जेहुआ मध्य फरवरी के बाद से लापता था. लेकिन उनके इस जवाब पर उनके फॉलोअर्स भरोसा नहीं कर पा रहे हैं. (फोटोः SCMP)
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इसी तरह पूर्व मानवाधिकार कार्यकर्ता, वकील और वीडियो जर्नलिस्ट चेन क्वीशी जनवरी के अंत में वुहान घूमने गए थे. वहां से उन्होंने कोरोना वायरस की वजह से वुहान की बिगड़ी स्थितियों और लोगों की रिपोर्ट बना रहे हैं. उसके बाद उन्होंने यूट्यूब पर वीडियो डाल भी दिया. इसके बाद वह लापता हो गए. फरवरी के शुरुआत में गायब हुए चेन क्वीशी का अब तक कोई अता-पता नहीं है. (फोटोः SCMP)
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इसके अलावा, हाई प्रोफाइल व्लॉगर फैंग बिन लगातार वुहान में फैले कोरोना वायरस की सच्चाई अपने वीडियो के जरिए सोशल मीडिया पर डाल रहे थे. उन्होंने भी चीन के सरकार की कार्य प्रणाली की सच्चाई दिखाने की कोशिश की. जनवरी अंत में आखिरी बार देखे गए थे. उसके बाद से फैंग बिन भी गायब हैं. उनकी कोई जानकारी नहीं है. (फोटोः SCMP)
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पिछले हफ्ते संविधान विशेषज्ञ झांग ज्यूझॉन्ग शंघाई में हिरासत में लिए गए थे. उन्होंने चीन में राजनीतिक सुधार पर लेख लिखा था. साथ ही कोरोना वायरस को संभालने में चीन की नाकामी के खिलाफ आवाज उठाई थी. उन्हें भी हिरासत में लिया गया. वो दो दिन हिरासत में थे लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. (फोटोः SCMP)
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