कोरोना वायरस की चेतावनी देने वाले डॉक्टर ली वेनलियांग के परिवार से चीन सरकार ने माफी मांगी है. डॉ. वेनलियांग वही शख्स थे जिन्होंने सबसे पहले कोरोना वायरस की पहचान कर चीन को आगाह करने की कोशिश की थी. हालांकि अस्पताल के अधिकारियों ने वेनलियांग पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाकर उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही थी.
2/20
डॉक्टर ली वेनलिंयांग खुद इस इस जानलेवा वायरस का शिकार हुए थे. पिछले महीने वुहान शहर के उसी अस्पताल में ली ने अंतिम सांस ली थी. ली की मृत्यु के बाद चीन की सत्ताधारी कॉम्युनिस्ट पार्टी ने उनके परिवार से माफी मांगी है.
3/20
चीन सरकार की अनुशासन मामलों की समिति ने यह माना कि डॉ, ली वेनलियांग की चेतावनी को समझने में चीन से बड़ी भूल हुई है. इस संदर्भ में डॉ. ली को चेतावनी देने वाले दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई है.
Advertisement
4/20
क्या है पूरा मामला? डॉ. ली वुहान शहर के ही एक अस्पताल में डॉक्टर थे. पिछले साल दिसंबर में ली ने पहली बार एक मरीज में कोरोना वायरस के लक्षण देखे थे. मामला काफी गंभीर था, इसलिए डॉ. ली ने सोशल चैट ग्रुप पर डॉक्टरों के एक समूह को इस बारे में जानकारी दी थी.
5/20
30 दिसंबर को भेजे गए इस मैसेज में उन्होंने डॉक्टर्स को कोरोना वायरस से संभलकर रहने की सलाह भी दी थी. डॉ. ली ने बताया था कि उन्होंने सार्स (SARS) फैमिली के एक नए कोरोना वायरस की पहचान की है. सार्स ने 2002-2003 के दौरान 800 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी.
6/20
हालांकि, कुछ समय बाद वो ग्रुप चैट लीक हो गई और पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो ने इसे लेकर डॉ. ली पर कार्रवाई शुरू कर दी. उनसे एक लेटर भी साइन कराया गया था जिसमें उन्हें अफवाह फैलाने के लिए जिम्मेदार माना गया.
7/20
डॉ. ली की चेतावनी को अनदेखा करना आज न सिर्फ चीन बल्कि पूरी दुनिया को भारी पड़ रहा है. अकेले चीन में ही 80 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं.
8/20
चीन में अब तक तकरीबन 3200 लोगों की मौत इस वायरस की वजह से हो चुकी है, जबकि 70 हजार से ज्यादा मरीजों की रिकवरी हो चुकी है.
9/20
कोरोना वायरस का जहर दुनिया भर के 14,611 लोगों को निगल चुका है. वहीं, 3 लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. अकेले इटली में कोरोना से 5476 लोगों की मौत हो चुकी है.
Advertisement
10/20
भारत में भी यह वायरस तेजी से अपने पैर फैला रहा है. यहां कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 400 के पार चली गई है. भारत में कोरोना का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में देखने के मिला है, यहां 89 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं. अब तक कुल 8 लोगों की मौत हो चुकी है.
11/20
चीन की एक अन्य डॉक्टर ने कोरोना वायरस पर चुप रहने को लेकर हाल ही में बड़ा खुलासा किया था. वुहान की डॉक्टर आई फेन ने कहा था मेरे कई साथी इस बीमारी से ग्रसित लोगों का इलाज करते वक्त मर गए. लेकिन दिसंबर में जब हमने इस वायरस के बारे में आला सरकारी अधिकारियों को बताया तो हमें चुप रहने को कहा गया था.
(फोटो- रेनवू)
12/20
डॉ. आई फेन ने चीनी की मैगजीन रेनवू को एक इंटरव्यू में ये सारी बातें बताईं. डॉ. फेन वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल में आपातकालीन विभाग की निदेशक हैं. (फोटो- रेनवू)
13/20
डॉ. फेन ने बताया कि उन्हें धमकाया गया था कि अगर आप इस वायरस के बारे में किसी से भी बात करेंगी तो अंजाम बेहद बुरा होगा. उनके साथी और इस मामले को सोशल मीडिया पर उठाने वाले डॉक्टर ली वेनलियांग अभी जेल में हैं. (फोटो- रेनवू)
14/20
डॉ. फेन ने बताया कि मुझे यह पता होता कि यह वायरस इतने लोगों की जान ले लेगा तो मैं चुप नहीं बैठती. मैं पूरी दुनिया में ये बात सभी को बताती. जिस भी माध्यम से कह पाती मैं ये जानकारी सभी को देती. फिर चाहे मुझे कोई जेल में ही क्यों न डाल देता.
15/20
डॉ. फेन ने बताया कि मुझे यह पता होता कि यह वायरस इतने लोगों की जान ले लेगा तो मैं चुप नहीं बैठती. मैं पूरी दुनिया में ये बात सभी को बताती. जिस भी माध्यम से कह पाती मैं ये जानकारी सभी को देती. फिर चाहे मुझे कोई जेल में ही क्यों न डाल देता.
Advertisement
16/20
डॉ. फेन का यह इंटरव्यू रेनवू ने अपनी साइट से हटा दिया. चीन की सोशल मीडिया साइट्स पर से भी डॉ. फेन का इंटरव्यू गायब हो गया. लेकिन कुछ चीनी लोगों ने इसके स्क्रीनशॉट्स ले लिए थे.
17/20
डॉ. फेन ने बताया कि 30 दिसंबर को उन्हें कई मरीज एक जैसी बीमारी वाले लक्षण के साथ सामने दिखाई दिए. हमने जब उनकी लैब में जांच की तो पता चला कि उनके अंदर मौजूद वायरस सार्स कोरोना वायरस जैसा है.
18/20
डॉ. फेन ने बताया कि 30 दिसंबर को उन्हें कई मरीज एक जैसी बीमारी वाले लक्षण के साथ सामने दिखाई दिए. हमने जब उनकी लैब में जांच की तो पता चला कि उनके अंदर मौजूद वायरस सार्स कोरोना वायरस जैसा है.
19/20
रात में अस्पताल प्रबंधन का मैसेज आया कि डॉ. फेन आप इस बीमारी के बारे में किसी को नहीं बताएंगी. दो दिन बाद उन्हें धमकी दी गई कि अगर आप ने इसके बारे में किसी को कुछ बताया तो अंजाम बेहद बुरा होगा.
20/20
डॉ. फेन ने सभी सरकारी अधिकारियों और अस्पताल प्रबंधन को समझाने की कोशिश की लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनी. 21 जनवरी तक इमरजेंसी विभाग में हर 1523 मरीज से ज्यादा आने लगे थे.