12वीं पास करके ग्रेजुएशन में कॉलेज कैंपस जाने का अपना क्रेज होता है. जहां आप बिना यूनिफार्म के अपनी पसंदीदा फैशनेबल ड्रेस में जा सकते हैं. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए अब कॉलेजों में बहुत कुछ बदलने वाला है. कैंपस में नये चेहरे तो होंगे लेकिन वो रौनकें अब नहीं मिलेंगी. मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय स्कूल, कॉलेजों के लिए नई गाइडलाइन तैयार कर रहा है. जानें- कैसे बदल जाएंगे कैंपस-
एमएचआरडी की तैयारी है कि कैंपस में कुछ इस तरह सोशल डिस्टेंसिंग लागू हो कि पढ़ाई शुरू होने पर संक्रमण फैलने का खतरा न रहे. इसके लिए क्लासरूम में बैठने से लेकर मेस, लाइब्रेरी, हॉस्टल और कैंटीन तक के लिए नियमों में बदलाव करने का विचार है.
कॉलेज कैंपस में मास्क होगा जरूरी
अब यूनिवर्सिटी या कॉलेज कैंपस के नये सत्रों में भले ही आपके लिए यूनिफॉर्म नहीं है, लेकिन मास्क जरूरी होगा. सरकार इसके लिए कड़े नियम तैयार कर रही है. कैंपस में पढ़ने जाने वाले छात्राें के लिए ये नियम कठोरता से लागू होंगे.
कॉलेज ही नहीं स्कूलों में भी कई बड़े बदलाव अब देखने को मिल सकते हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूलों में मॉर्निंग असेंबली और स्पोर्ट्स एक्टिविटी बंद की जा सकती हैं. यही नहीं स्कूल बस, इन डोर एक्टिविटी के रूम, वॉशरूम और कैफेटेरिया के लिए भी नियम बन सकते हैं.
कॉलेज में न सिर्फ कैंपस बल्कि हॉस्टलों और मेस में भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियम लागू होंगे. जबकि पहले स्टूडेंट इन्हीं जगहों पर सबसे ज्यादा झुंड में नजर आते थे, जोकि नये सत्र में संभव नहीं हो पाएगा. इससे ग्रुप स्टडी और दोस्ती के अड्डे भी पहले जैसे नहीं बन पाएंगे.
अगर आईआईटी कैंपस की बात करें तो देश के कई आईआईटी संस्थान कैंपस में विजिटर्स की एंट्री बंद करने, शिफ्टों में क्लास लगाने और लैब का टाइम अलग-अलग करने की योजना पर भी विचार कर रहे हैं.
समय-समय पर स्कूल-कॉलेजों को पूरी इमारत को सैनिटाइज करने के निर्देश दिए जा सकते हैं. इसके अलावा बोर्डिंग स्कूलों के मेस और हॉस्टल में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम लागू होंगे. यही नहीं, सोशल डिस्टेंसिंग रखने के लिए कैंपस के कुछ इलाकों की मरम्मत भी करवाई जाएगी.
नई गाइडलाइन में छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा के लिए जरूरी सुझाव शामिल होंगे. इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि इलाके में कोरोना के हालात क्या हैं? जरूरी नहीं कि कोई संस्थान सभी गाइडलाइन मानें, वह अपने इलाके में कोरोना की स्थिति के आधार पर भी फैसला ले सकेगा.
सरकार कॉलेजों में शिफ्टों में क्लास लगाने पर भी विचार कर रही है. एचआरडी
मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक गाइडलाइन तैयार होने के बाद राज्यों से
साझा की जाएंगी ताकि, वे स्कूल-कॉलेज खुलने से पहले तैयारी कर सकें. गाइडलाइन फॉलो करवाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को दी जाएगी.
बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की वजह से यूनिवर्सिटी और स्कूल 16 मार्च से बंद हैं. ऐसे में परीक्षाएं भी पूरी नहीं हो पाई थीं. यूजीसी ने यूनिवर्सिटी और कॉलेज में पुराने छात्रों के लिए अगस्त से और नए छात्रों के लिए सितंबर से सेशन शुरू करने की सिफारिश की है.