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कोरोना

कोरोना के खिलाफ महाराष्ट्र में 'ब्रेक द चेन' कैंपेन, आज से रहेंगी ये पाबंदियां

(File photo: India Today/Vidya)
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कोरोना संकट पर काबू पाने के लिए महाराष्ट्र में बेहद सख्त नियम लगाए गए हैं, जो आज रात आठ बजे से लागू हो जाएंगे. इस मुहिम को ब्रेक द चेन नाम दिया गया है,  जिसके तहत पूरे प्रदेश में 15 दिनों तक धारा 144 लागू रहेगी.  इस दौरान लोग सिर्फ जरूरी सेवाओं के लिए ही घरों से बाहर निकल सकेंगे. 

कोरोना के खिलाफ महाराष्ट्र में 'ब्रेक द चेन' कैंपेन
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बुधवार से महाराष्ट्र में पूरे राज्य में लॉकडाउन भले न हो. लेकिन ये उससे कम भी नहीं है. उद्धव सरकार ने पाबंदियों की इस किस्त का नाम दिया है ब्रेक द चेन. बुधवार रात 8 बजे से अगले 15 दिनों तक महाराष्ट्र में ब्रेक द चेन के तहत पूरे राज्य में धारा 144 लागू हो जाएगी. आपात सेवाओं को छोड़कर बाकी दफ्तरों को बंद रखा जाएगा. अगले 15 दिनों तक पूरे राज्य में ट्रांसपोर्ट सिर्फ जरूरी सेवाओं के लिए खुलेगा. बैंक, पेट्रोल पंप, कार्गो, ई-कॉमर्स, प्राइवेट सुरक्षा गार्ड जैसी सुविधाएं लागू रहेंगी. रेस्टोरेंट्स भी खुलेंगे लेकिन सिर्फ वहां से ऑर्डर घर तक मंगाया जा सकेगा.  मीडिया की सेवाओं पर भी कोई रोक नहीं रहेगी. 

कोरोना के खिलाफ महाराष्ट्र में 'ब्रेक द चेन' कैंपेन
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महाराष्ट्र सरकार ने साढ़े 5 हजार करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान भी किया है. कार्ड धारकों को 3 महीने तक मुफ्त राशन देने का ऐलान हुआ है.  रजिस्टर्ड फेरीवालों को आर्थिक मदद मिलेगी. आदिवासियों को 2000 रुपये की मदद, रिक्शावालों को 1500 रुपये, 12 लाख मजदूरों को 1500 रुपये देने का फैसला हुआ है. उद्धव ठाकरे ने इन पाबंदियों के साथ ये भी कहा कि उनके पास कड़े कदम उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

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कोरोना के खिलाफ महाराष्ट्र में 'ब्रेक द चेन' कैंपेन
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महाराष्ट्र सरकार को ब्रेक द चेन मुहिम के तहत सख्त पाबंदियां क्यों लगानी पड़ी हैं, इसके लिए वहां के हालात से समझा जा सकता है.  महाराष्ट्र देश का वो राज्य है जहां सबसे ज्यादा कोरोना के केस हैं, एक्टिव केसेज के मामले में भी और कुल संक्रमण के मामलों में भी हैं. 

(Image for representation: AFP)
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कोरोना से हाल पूरे देश का बिगड़ा हुआ है लेकिन महाराष्ट्र खासकर मुंबई में हालात बद से बदतर बने हुए हैं. मुंबई के कोविड अस्पतालों में 80 प्रतिशत बेड फुल हैं.  ढाई हजार  आईसीयू बेड्स में सिर्फ 60 बचे हैं.  वेंटिलेटर बेड्स सिर्फ 20 बचे हैं.  पुणे के कोविड अस्पतालों में सिर्फ 17 प्रतिशत ही खाली हैं.  नागपुर जैसे शहर में 95 प्रतिशत से ज्यादा कोविड बेड्स भर चुके हैं. हालात से निपटने के लिए बीएमसी ने मुंबई में दो कोविड केंद्रों पर 325 नए आईसीयू बेड्स जोड़े हैं.  इनमें से एक 150 बेड वाला कोविड सेंटर वर्ली में बनाया गया है. 

File Photo- ANI
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कोरोना जैसे-जैसे फैल रहा है, व्यवस्थाएं वैसे-वैसे चरमरा रही हैं.  कोरोना कैसे मुंबई को चपेट में ले चुका है, इसे आंकड़ों के जरिए देखें तो 12 अप्रैल को मुंबई में कोरोना के 6905 नए मामले  दर्ज हुए और 43 की मौत हुई. लेकिन ये इस अप्रैल महीने का सबसे गनीमत भरा दिन था. अप्रैल में 12 अप्रैल को छोड़कर हर दिन रोजाना नए केस साढ़े 8 हजार से ज्यादा आए हैं.  मुंबई में कुल संक्रमण के मामले 5 लाख 27 हजार 119 और कुल मौत 12 हजार 60 है. 

 कोरोना के खिलाफ महाराष्ट्र में 'ब्रेक द चेन' कैंपेन
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कोरोना से हालात महाराष्ट्र में कितने बिगड़े हैं, इसे पुणे म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन सेंटर के कंट्रोल रूम पर आ रही कॉल्स से भी समझा जा सकता है। वहां रोजाना 900 से ज्यादा मदद की कॉल आ रही है.  आने वाले दिनों में और ज्यादा कोरोना कहर की आशंका के मद्देनजर अब महाराष्ट्र में अस्थायी व्यवस्थाओं को जल्द से जल्द तैयार करने की कोशिशें की जा रही हैं. 

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इसके अलावा महाराष्ट्र का नंदूरबार है जहां रेलवे के 21 कोच को आईसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया है. महाराष्ट्र में कोरोना के मामले देश में सबसे ज्यादा रहे हैं, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में चुनौती पहले से और ज्यादा बढ़ी है. 

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