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कोरोना

IIT गुवाहटी के रिसर्च स्कॉलर्स ने कोविड की पहचान और रोकथाम के लिए तैयार की विशेष लेयर

फाइल फोटो: रॉयटर्स
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कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है. इस वायरस से बचने के लिए नए नए तरीके ईजाद किए जा रहे हैं. आईआईटी गुवाहाटी के शोधार्थियों ने कोविड 19 की पहचान और रोकथाम के लिए नया तरीका निकाला है.  

(Photo Social Media)
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आईआईटी गुवाहाटी के शोधार्थियों ने कोरोना वायरस और सरफेस स्पाइक प्रोटीन के बीच बायो इंटरफेस इंटरैक्शन का इस्तेमाल कर नोवेल कोरोना वायरस की पहचान और उसे रोकने के तरीके विकसित किए हैं. 

(File Photo)
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रिसर्च स्कॉलर्स का कहना है कि कोविड 19 (SARS CoV-2) इनर न्यूक्लिक एसिड से बना है, जो सरफेस स्पाइक ग्लाइकोप्रोटीन से ढका हुआ रहता है. रिसर्च स्कॉलर्स द्वारा तैयार की गई सतह को वायरस का पता लगाने के साथ इससे होने वाली बीमारी कोरोना वायरस को रोकने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. 

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(Virus Photo)
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बायोसाइंस एंड बायोइंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर ललित एम पांडेय का कहना है कि, ' इस वैश्विक महामारी के दौरान जांच के लिए हम एंटीबॉडी आधारित और आरटी-पीसीआर आधारित तरीकों का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. लंबा समय, कीमत, जटिल प्रक्रिया और गलत परिणाम इन तरीकों के कुछ नकारात्मक बिंदु हैं.

(Virus Photo)
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इसके अलावा असिस्टेंट प्रोफेसर ललित एम पांडेय ने बताया कि 'वायरस सरफेस स्पाइक प्रोटीन और तैयार की गई सतह के बीच बायो इंटरफेस इंटरैक्शन का इस्तेमाल कोविड 19 की तेज जांच के लिए किया जा सकता है. पहली तैयार की गई सतह तीव्र जांच का एक तरीका तैयार करती है और दूसरी तरफ यह वायरस से सुरक्षा का बहुत सुरक्षित तरीका सिद्ध हो सकता है, उदाहरण के तौर पर जब इसे पीपीई पर लगाया जाए. 

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