अमेरिका के कैलिफोर्निया में कोरोना वायरस का एक हाइब्रिड वर्जन सामने आया है. वैज्ञानिकों को स्टडी के दौरान पता चला है कि ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के वैरिएंट B.1.1.7 और अमेरिका में पाए गए कोरोना के वैरिएंट B.1.429, आपस में मिल गए हैं और इससे कोरोना का हाइब्रिड वर्जन तैयार हो गया है.
ब्रिटेन और अमेरिका के वैरिएंट के एक साथ मिलकर तैयार हुए हाइब्रिड वैरिएंट को अब तक कोई नाम नहीं दिया गया है. अब तक सिर्फ एक मरीज में यह हाइब्रिड वैरिएंट पाया गया है, लेकिन वैज्ञानिकों को डर है कि हाइब्रिड वैरिएंट के और भी मामले होंगे.
डेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों का कहना है कि जब इंसान के शरीर का एक ही सेल, वायरस के दो वैरिएंट से संक्रमित हो जाता है तो वायरस के जीन में अदला बदली होती है. इसी से नए वैरिएंट तैयार हो जाते हैं.
वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि जब एक ही समय में कोई व्यक्ति, दो अलग-अलग वैरिएंट से संक्रमित हो जाता है तो इससे हाइब्रिड वैरिएंट तैयार होने का खतरा रहता है. बता दें कि दुनिया के कई देशों में कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट सामने आ चुके हैं. साउथ अफ्रीका में पाए गए कोरोना वैरिएंट के काफी अधिक संक्रामक होने की बात कही गई है.
रिसर्चर्स ने इससे पहले भी चेतावनी दी थी कि कोरोना के हाइब्रिड वैरिएंट तैयार हो सकते हैं. वहीं, अमेरिका के वैज्ञानिकों ने उस मरीज को लेकर अधिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की है जो कोरोना के हाइब्रिड वैरिएंट से संक्रमित पाया गया. यह भी पता नहीं चल सका है कि हाइब्रिड वैरिएंट की वजह से मरीज कितना अधिक बीमार हुआ.