कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने भारत में तहलका मचा दिया है. संक्रमण के मामले रोजाना नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. कोरोना के अधिकतर मरीजों को सांस की समस्या हो रही है. इसके अलावा कोरोना का नया स्ट्रेन दिमाग पर भी प्रभाव डाल रहा है. इन सबके बीच यह ज्यादा चुनौतीपूर्ण है कि छोटे बच्चों को इस संक्रमण और कोरोना काल के अवसाद से कैसे बचाएं. आइए जानते हैं कि इस पर एक्सपर्ट डॉक्टरों की क्या राय है. Photo credit: PTI
दरअसल, शुरुआत से ही यह कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस छोटे बच्चों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है. मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल के डॉक्टरों ने हाल ही में आए बच्चों के कई मामलों को सामने रखा और बताया कि कोरोना का यह समय बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव डाल रहा है. इन सबसे कैसे बचा जा सकता है, यह भी बताया गया.
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जब तक कोरोना है तब तक मास्क तो सबके लिए जरूरी है. इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान बच्चों से कोरोना के अलावा दूसरे विषयों पर भी बात करें. इससे क्या होगा कि बच्चे कोरोना के तनाव से कुछ अलग होंगे. उन्हें अन्य चीजें भी सोचने का मौका मिलेगा.
ऐसा देखा जाता है बच्चे आपस में खेलते हैं, बड़ों को मौका नहीं मिल पाता कि वे बच्चों के साथ खेलें. इसलिए यह जरूरी है कि हम कुछ समय बच्चों के लिए भी निकालें और उनके साथ शतरंज, कैरम और लूडो जैसे गेम खेलें.
आजकल तो घरों में इंटरटेनमेंट के कई साधन मौजूद होते हैं. अच्छा यह भी होगा कि हम बच्चों के साथ संगीत सुनें और डांस करें. इतना ही नहीं इसके साथ ही साथ बच्चों को किचन में भी ले जाएं और उनके साथ खाना बनाने के बारे में भी बात करें.
घर के कामकाज की जिम्मेदारी हमेशा घर के सीनियर लोगों की मानी जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है. तनाव दूर करने का सबसे अच्छा तरीका माना गया है कि घर के काम करें. इस कामकाज में बच्चों को भी शामिल करें.
आजकल की दुनिया में बच्चे हमेशा स्क्रीन से चिपके रहना पसंद करते हैं, चाहे वे टीवी देख रहे हों या फिर मोबाइल में गेम खेल रहे हों. बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए यह भी जरूरी है कि हम उनके स्क्रीन टाइम को कम से कम कर दें.
कई कारणों से बच्चे अपने परिवार वालों और रिश्तेदारों से अक्सर दूरी बनाए रखते हैं. कोरोना का समय ऐसा समय है जिसमें यह जरूरी है कि हम बच्चों को परिवार वालों और रिश्तेदारों के बारे में बताएं. उनसे वीडियो कॉल के माध्यम से बात भी कराएं.
हालांकि, अब टिक टॉक बैन हो गया है लेकिन अभी भी कुछ ऐसे ऐप हैं जहां बच्चे बहुत व्यस्त रहते हैं. इंस्टाग्राम ऐसा ही एक ऐप है. हम बच्चों समझाएं कि इससे उचित दूरी भी बनाएं रखें. इसकी बजाय वो अपने दोस्तों से बात करें.
योग और एक्सरसाइज शायद आज के समय में सबसे जरूरी चीज है. हम अगर शुरुआत से ही बच्चों को यह सिखा ले जाएं तो बच्चों का जीवन सुखमय हो जाएगा. उन्हें योगासन के बारे में समझाएं, इसके परिणामों को भी बताएं. इसके अलावा उन्हें किताबों के महत्त्व को भी बताना जरूरी है.
पर्याप्त नींद जरूरी: बच्चों के लिए भी पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है. बच्चे हमेशा खेलकूद और अन्य चीजों में व्यस्त रहते हैं. ऐसे में उनका शरीर थक जाता है. इसलिए जरूरी है कि वे 7-8 घंटे की नींद लें. इससे उनका इम्यून सिस्टम भी मजबूत होगा और कोरोना से लड़ने में मदद करेगा.
ऐसे कई उपाय हैं जिनके माध्यम से हम बच्चों को खतरनाक कोरोना वायरस से बचा सकते हैं और इस कोरोना काल में उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी मजबूत रख सकते हैं. उनका इम्यून सिस्टम मजबूत रखना बड़ी कामयाबी हो सकता है.
हीरानंदानी अस्पताल की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ बीजल श्रीवास्तव ने बताया कि उनके पास पिछले दिनों 22 महीने के एक बच्चे का केस आया. बताया गया कि बच्चा अचानक बहुत कम सक्रिय हो गया और कम बोल पाता है. बच्चे की मां ने बताया कि वह पहले जितना बोल पाता था उससे भी कम बोल पाता है.