तेजी से कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने, उत्पादन करने और समान वितरण के उद्देश्य से तैयार किए गए वैश्विक समूह के साथ आने से अमेरिका ने इनकार कर दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के सह नेतृत्व में ग्लोबल एक्सेस फैसिलिटी (Covax) तैयार की गई है, ताकि विभिन्न देश कोरोना वैक्सीन को लेकर एक दूसरे के साथ जुड़ सकें और सभी को जल्दी वैक्सीन मिले.
अमेरिका ने कहा है कि वह कोवैक्स का इसलिए हिस्सा नहीं होगा क्योंकि इसका सह नेतृत्व विश्व स्वास्थ्य संगठन कर रहा है. हालांकि, Coalition for Epidemic Preparedness Innovations और Gavi के साथ मिलकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोवैक्स का गठन किया है. कोवैक्स से जुड़ने के लिए 31 अगस्त की समयसीमा रखी गई थी.
पिछले महीने WHO ने कहा था कि 170 देश कोवैक्स के साथ जुड़ने के लिए चर्चा कर रहे हैं. कोवैक्स का एक उद्देश्य ये भी है कि एक बार वैक्सीन तैयार हो जाए तो विभिन्न देशों के बीच समान रूप से उसका वितरण किया जा सके.
बता दें कि अमेरिका अकेले ही वैक्सीन तैयार करने पर तेजी से काम कर रहा है. वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति भवन के एक प्रवक्ता ने कहा, 'अमेरिका कोरोना को हराने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ तो काम करेगा, लेकिन भ्रष्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन और चीन के प्रभाव में काम करने वाले संगठन का हिस्सा नहीं होगा.'
मई में अमेरिका ने खुद को WHO से अलग करने का ऐलान किया था और फिर फंडिंग पर भी रोक लगा दी थी. इससे पहले अमेरिका WHO को सबसे अधिक फंड देता था. वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अमेरिका के कोवैक्स में शामिल नहीं होने के फैसले पर चिंता जाहिर की है.
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका अकेले ही वैक्सीन तैयार कर रहा है और अन्य देशों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहा है. लेकिन ऐसी स्थिति में वैक्सीन की जमाखोरी हो सकती है और वैक्सीन महंगी हो सकती है. WHO का ये भी कहना है कि वैक्सीन राष्ट्रवाद से खतरा है क्योंकि कोरोना महामारी इससे और गंभीर हो जाएगी.
जिनेवा में ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एंड डेवलपमेंट स्टडीज में ग्लोबल हेल्थ सेंटर की को-डायरेक्टर सूरी मून ने कहा कि अमेरिका के कोवैक्स में शामिल नहीं होने से वैक्सीन सुरक्षित करने के वैश्विक प्रयास को वास्तव में झटका लगा है. उन्होंने कहा कि महामारी के बीच वैक्सीन को लेकर किसी देश के रुख से न सिर्फ आम लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित होगा, बल्कि इसके राजनीतिक परिणाम भी होंगे.
बता दें कि अमेरिका ने खुद के लिए जनवरी 2021 तक 30 करोड़ वैक्सीन की खुराक के उत्पादन का लक्ष्य रखा है. अमेरिका में नवंबर में चुनाव होने हैं और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव के दिन तक वैक्सीन लॉन्च करने के संकेत दिए हैं. हालांकि, विशेषज्ञों को चिंता है कि वैक्सीन की टेस्टिंग और मंजूरी के लिए इससे अधिक समय की जरूरत है.