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कोरोना

कोरोना का रेड जोन बदलकर ऐसे बनता है ऑरेंज-ग्रीन जोन, आप भी करें हेल्प

कोरोना का रेड जोन बदलकर ऐसे बनता है ऑरेंज-ग्रीन जोन, आप भी करें हेल्प
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कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में सरकार सुरक्षा के अतिर‍िक्त इंतजाम कर रही है. राज्य सरकारों ने बॉर्डर सील कर दिए हैं. इसके साथ ही इलाकों को रेड और ऑरेंज जोन बनाकर वहां जांच और नियमों के पालन की तैयारियां तेज हो गई हैं. आइए जानें- क्या होते हैं जोन और किस तरह आप अपने जोन को रेड से ऑरेंज और फिर ग्रीन जोन में बदल सकते हैं.
कोरोना का रेड जोन बदलकर ऐसे बनता है ऑरेंज-ग्रीन जोन, आप भी करें हेल्प
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केंद्र सरकार ने देश के अलग-अलग राज्‍यों के 170 जिलों को हॉटस्‍पॉट घोषित किया है। इसके अलावा सरकार ने शहरों, क्षेत्रों को तीन अलग-अलग जोन में भी बांटा है. ये तीन जोन हैं, रेड जोन, ऑरेन्‍ज जोन और ग्रीन जोन.
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बता दें कि हर जोन को बांटने के पीछे एक वाजिब वजह है. किसी जिले या इलाको रेड, ऑरेन्‍ज और ग्रीन जोन में बांटने के आधार पर ही वहां पर कानून व्यवस्था आदि लागू होता है. साथ ही वहां रहने वाले नागरिकों को कैसे रहना है, वो भी इन जोन के आधार पर ही तय होता है.
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जानें- क्या होता है Red Zone

जहां कोरोना के मरीजों की संख्या ज्यादा मिली है उन हॉटस्‍पॉट वाले जिलों को रेड जोन घोषि‍त किया गया है. ऐसा माना जाता है कि इन इलाकों में संक्रमण बढ़ने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है. इसलिए इस जोन में रहने वालों को सख्ती से लॉकडाउन का पालन करना होता है. ये लोग किसी भी काम से बाहर नहीं निकल सकते.
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स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने रेड जोन के तहत देश के 170 जिलों को सूचीबद्ध किया है. इनमें 123 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना का प्रभाव सबसे ज्यादा देखा गया जबकि 47 हॉटस्‍पॉट जिलों को क्‍लस्‍टर्स में बांटा गया है. अब इन क्षेत्रों में सरकार डोर-टू-डोर सुविधाएं उपलब्‍ध कराएगी ताकि लोग घरों के भीतर रहकर संक्रमण से बच सकें.
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Orange Zone के बारे में भी जानें

जिन इलाकों में पिछले कुछ समय में संक्रमण के सीमित मामले आए हैं. यहां लोगों के लिए परिवहन आदि कार्यकलापों को काफी सीमित किया जाता है. मसलन यहां के लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट, खेती के उत्‍पादों की हार्वेंस्टिंग आदि कर सकते हैं. यहां के लोग छोटे एवं मध्‍यम उद्योग (MSMEs) के तहत आने वाले सामान जैसे गेहूं का आटा, खाद्य तेल आदि के परिवहन के लिए भी परमिशन ले सकते हैं. हॉटस्‍पॉट जिलों में ऑरेन्‍ज जोन वे जिले हैं जहां पिछले 14 दिनों में एक भी कोरोना पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है.
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जानें क्या है Green Zone

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अनुसार ग्रीन जोन ऐसे जिले या इलाके हैं जहां कोरोना वायरस का एक भी पॉजिटिव केस अब तक सामने नहीं आया है. इसके अलावा वे जिले जहां पिछले 28 दिनों से एक भी कोरोना पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है, वो भी ग्रीन जोन की सूची में शामिल होगा. इन इलाकों में आवश्‍यक सेवाएं और बिजनेस मूवमेंट सरकार के नियमों के आधार पर होता है.
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आप भी बदल सकते हैं अपना जोन

अगर आपका जिला या इलाका रेड जोन घोष‍ित किया गया है तो इलाके लोगों को 14 दिन क्वारनटीन रहते हुए सभी नियमों का पालन करना होगा. अगर इन 14 दिनों में कोई नया केस सामने नहीं आता है तो ऐसा माना जाता है कि यहां संक्रमण की रफ्तार थम गई है. फिर ऐसे इलाकों को ऑरेंज जोन में बदल दिया जाएगा.
कोरोना का रेड जोन बदलकर ऐसे बनता है ऑरेंज-ग्रीन जोन, आप भी करें हेल्प
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ठीक वैसे ही ऑरेंज जोन में रहने वाले लोग अपने इलाके में संक्रमण फैलने की आशंका को 14 दिन होम आइसोलेशन में रहकर कम कर सकते हैं. अगर 14 दिनों में यहां कोई भी मरीज सामने नहीं आता तो इस इलाके को ग्रीन जोन घोष‍ित किया जाएगा और कई महत्वपूर्ण सेवाएं इलाके में शुरू की जा सकती हैं. इस दौरान आप सहयोगी की भूमिका को निभाते हुए लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन करें जिससे इलाके में तमाम सुव‍िधाएं शुरू की जा सकें.
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