भविष्य में आपको कोरोनावायरस वैक्सीन के लिए सुई लगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आपको सिर्फ एक कैप्सूल खाना होगा. ये कैप्सूल एक भारतीय दवा कंपनी अमेरिकी दवा कंपनी के साथ मिलकर बना रही है. 'कैप्सूल वैक्सीन' भारत में ही बन रही है. इसे बनाने वाले भारतीय कंपनी का नाम है प्रेमास बायोटेक (Premas Biotech). आइए जानते हैं कि इस कैप्सूल को आने में कितना समय लगेगा. (फोटोःगेटी)
भारतीय दवा कंपनी प्रेमास बायोटेक (Premas Biotech) अमेरिकी दवा कंपनी ओरामेड फार्मास्यूटिकल्स (Oramed Pharmaceuticals) के साथ मिलकर इस कैप्सूल को बना रहा है. दोनों कंपनियों 19 मार्च को कोरोनावायरस के ओरल वैक्सीन को बनाने की संयुक्त घोषणा की. कंपनी का दावा है कि 'कैप्सूल वैक्सीन' की सिंगल डोज से ही कोरोना से काफी राहत मिल जाएगी. ये काफी असरदार है. (फोटोः एएफपी)
'कैप्सूल वैक्सीन' का नाम है ओरावैक्स कोविड-19 कैप्सूल (Oravax COVID-19) को लेकर कंपनी का दावा है कि जंतुओं पर किए गए अध्ययन के दौरान 'कैप्सूल वैक्सीन' काफी असरदार दिखाई दी है. इसकी वजह से न्यूट्रीलाइजिंग एंटीबॉडीज (IgG) और इम्यून रेस्पॉन्स (IgA) दोनों काम हो रहे हैं. इसकी वजह से हमारे रेस्पिरेटरी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहता है. (फोटोः प्रेमास बायोटेक)
Premas is proud to launch ORAVAX - a joint venture with Oramed Pharmaceuticals. The venture combines Premas D-Crypt™ technology with Oramed’s POD™ oral delivery of proteins technology to develop a first of its kind Oral #COVID19 #vaccine candidate.https://t.co/3LPOXB7Ayx pic.twitter.com/71Xuh1V2Wh
— Premas Biotech (@PremasBiotech) March 19, 2021
प्रेमास बायोटेक (Premas Biotech) सह-संस्थापक और प्रंबध मैनेजर डॉ. प्रबुद्ध कुंडू ने कहा कि ओरावैक्स कोविड-19 कैप्सूल (Oravax COVID-19) वीएलपी (Virus Like Particle- VLP) नियम पर आधारित है. यह कोरोनावायरस से तिगुना सुरक्षा देगा. यानी कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन, मेम्ब्रेन एम और एनवेलप-ई टारगेट्स... तीनों से बचाएगा. हालांकि, ये न्यूक्लियोकैप्सिड N एंटीजन के खिलाफ काम नहीं कर पाएगा. (फोटोः प्रेमास बायोटेक)
प्रेमास बायोटेक (Premas Biotech) की VLP तकनीक को कंपनी ने अपने D-Crypt TM प्लेटफॉर्म पर बनाया है. जबकि, ओरामेड ने ओरल प्रोटीन की डिलीवरी की है. ओरावैक्स कोविड-19 कैप्सूल (Oravax COVID-19) दो तरीके से काम करती है. यह दुनिया की पहली ऐसी अनोखी दवा है. यह सांस लेने के रास्ते को कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाती है. (फोटोः प्रेमास बायोटेक)
ओरावैक्स कोविड-19 कैप्सूल (Oravax COVID-19) की वजह से शरीर में इम्यूनोजेनिसिटी बनी रहती है. साथ ही यह न्यूट्रीलाइजिंग एंटीबॉडीज बनाकर कोरोनावायरस को कमजोर और निष्क्रिय करने का काम करता है. (फोटोः प्रेमास बायोटेक)
कंपनी ने बताया कि जंतुओं पर की गई स्टडीज के मुताबिक ओरावैक्स कोविड-19 कैप्सूल (Oravax COVID-19) के परिणाम बेहतरीन है. इस कैप्सूल के क्लीनिकल ट्रायल्स इस साल के दूसरी तिमाही में शुरु किए जाएंगे. ट्रायल्स सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद सरकार से अनुमति मिलने के बाद ये वैक्सीन आम लोगों के लिए जारी की जाएगी. (फोटोः गेटी)
देश में एक और ऐसी ही वैक्सीन बनाई गई है, जिसे नाक से लेना होगा. इस वैक्सीन को भारत बायोटेक, यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन ने वैज्ञानिकों ने मिलकर बनाया है. नाक से ली जाने वाली इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल भारत में शुरू हो चुका है. अगर कैप्सूल का ट्रायल भी सफल रहता है तो देश में कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त वैक्सीन हो जाएंगी. (फोटोः रॉयटर्स)