कोरोना संकट की वजह से लोगों की कमाई और नौकरी पर काफी असर पड़ा है. इस हालात में सबसे ज्यादा मुश्किल उन लोगों को हो रही है जिन्होंने बैंक से किसी भी तरह का लोन ले रखा है. पैसे की किल्लत के बीच हर महीने लोन की किस्त (EMI) जा रही है.
मिल रही मोरेटोरियम सुविधा
हालांकि, रिजर्व बैंक के कहने पर बैंकों की ओर से ग्राहकों को मोरेटोरियम सुविधा जरूर मिल रही है. इस सुविधा के तहत आप लोन की EMI भुगतान को टाल सकते हैं.
मार्च में शुरू हुई इस सुविधा से जुड़ने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया है. अगर आप मार्च महीने से ही इस सुविधा को ले रहे हैं तो 31 अगस्त तक इसे बढ़ा सकते हैं. मतलब ये कि 31 अगस्त तक आपको किस्त नहीं देनी होगी. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आपकी किस्त माफ हो जाएगी.
आपको मार्च से लेकर अगस्त तक की किस्त देनी होगी. इसके साथ ही भारी ब्याज भी चुकाना होगा. आइए, उदाहरण से समझते हैं कि अगर आपने अगस्त तक के लिए इस सुविधा को बढ़ा दिया है तो आपको कितना नुकसान होगा. हम इसे देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई के उदाहरण से समझते हैं.
मान लीजिए सचिन ने एसबीआई से 30 लाख का होम लोन ले रखा है और 15 साल की किस्तें बाकी हैं. इस स्थिति में सचिन 6 महीने के मोरेटोरियम सुविधा को ले रहा है तो उसे 4.54 लाख रुपये का अतिरिक्त ब्याज देना होगा. यह बैंक के 16 ईएमआई के बराबर होगा.
इसी तरह, मान लीजिए कि कुंदन ने एसबीआई से 6 लाख रुपये का ऑटो लोन ले रखा है और उसकी
54 महीने की किस्तें बाकी हैं. इस स्थिति में अगर कुंदन 6 महीने की
मोरेटोरियम सुविधा को ले रहा है तो उसे 36,000 रुपये अतिरिक्त चुकाने
होंगे.
कुंदन इसे ईएमआई के तौर पर चुकाना चाहता है तो तीन अतिरिक्त किस्तें
अदा करनी होंगी. यहां आपको बता दें कि ये सिर्फ उदाहरण है. बैंक के लोन की रकम और अवधि के आधार पर आपका बोझ बढ़ सकता है.