कोरोना से बचने के लिए सबसे जरूरी तीन उपाय जो सबसे जरूरी हैं, वो हैं- मास्क पहनना, हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना. लेकिन जो लोग इन्हें नहीं मानते उनकी बौद्धिक क्षमता कम होती है. यानी वो कम बुद्धिमान होते हैं. ये खुलासा हुआ है यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की एक स्टडी में. (फोटोः गेटी)
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डेली मेल में प्रकाशित खबर के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग से मना करने वालों में बुद्धि कम होती है. इतना ही नहीं ये दर्शाता है कि इन लोगों के पास सही और गलत का फैसला लेने की मानसिक क्षमता नहीं होती है. (फोटोः गेटी)
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नियमों को न मानने की वजह से उस व्यक्ति के कामकाजी याद्दाश्त और दिमाग के काम करने की प्रक्रिया का पता चलता है. दिमाग के जिस हिस्से में यह फैसले लिए जाते हैं वह कमजोर होता है. (फोटोः गेटी)
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के रिसर्चर्स ने 850 अमेरिकी नागरिकों पर सर्वे किया. इसमें पता चला कि जिसकी बुद्धि अच्छी है वो कोरोना वायरस से जुड़े सभी नियमों का सही से पालन कर रहे हैं. यानी ये लोग इंटेलिजेंट हैं. जबकि, जो लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं, उनकी बौद्धिक क्षमता कम है. (फोटोः गेटी)
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शोधकर्ताओं को अपने सर्वे में पता चला कि जो लोग बुद्धिमान होते हैं वो वर्तमान की सुरक्षा और भविष्य के फायदे के बारे में सोचते हैं. जबकि, बौद्धिक रूप से कमजोर लोग वर्तमान में ज्यादा लापरवाह होते हैं. रिसर्चर्स ने पाया कि जिन लोगों की बौद्धिक क्षमता और कामकाजी क्षमता ज्यादा थी वे कोरोना से जुड़े नियमों का पालन कर रहे थे. (फोटोः गेटी)
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कामकाज के लिए उपयोग में लाया जाने वाला दिमाग का हिस्सा आपको सही और गलत का फैसला लेने में मदद करता है. यही हिस्सा बताता है कि आपके पास समझने की क्षमता कितनी है. अगर आप फायदे के लिए बनाए गए नियमों को सही से समझ नहीं रहे हैं, इसका मतलब कि आप दिमाग का सही उपयोग नहीं कर रहे हैं. (फोटोः गेटी)
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शोधकर्ता वाईवाई जैंग ने कहा कि जिसके पास कामकाज के लिए उपयोग में लाई जाने वाली दिमागी क्षमता ज्यादा होगी वो बेहतर तरीके से नियमों का पालन करेगा. जिनकी ये क्षमता कम थी उन्हीं लोगों ने कोरोना से जुड़े नियमों को तोड़ा और उसकी लगातार अवहेलना कर रहे हैं. (फोटोः गेटी)
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जैंग ने कहा कि दुनियाभर के देशों में सरकारों को चाहिए कि वो कोरोना वायरस के संक्रमण और बचाव के तरीकों को लेकर ऐसे जागरुकता अभियान चलाए जिससे कम बुद्धि वाले लोगों को भी सारी बातें समझ में आएं और वे उसका पालन करें. (फोटोः गेटी)
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वाईवाई जैंग ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को आदत बनाने में लोगों को अभी समय लगेगा. क्योंकि इन नियमों को मानने के लिए लोगों को अभी अपनी रोजमर्रा की आदतों और तात्कालिक बुद्धि के बीच संघर्ष करना पड़ा रहा है. (फोटोः गेटी)