एक तरफ ब्रिटेन और अमेरिका में अगले एक से दो महीने में कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार होने के संकेत मिल रहे हैं, दूसरी ओर, प्रमुख कोरोना एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि शुरुआती वैक्सीन सिर्फ लक्षण रोकने में कामयाब हो सकती है. अमेरिका के जाने-माने संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने कहा है कि शुरुआती वैक्सीन तैयार कर रहे वैज्ञानिकों का फोकस संक्रमण को पूरी तरह रोकने की जगह, लोगों को लक्षण से बचाने पर है.
डॉ. एंथनी फाउची ने कहा है कि अमेरिका में चार कोरोना वायरस वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के आखिरी चरण में है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन का अंतिम लक्ष्य वायरस को खत्म करना है, लेकिन शुरुआत में वैज्ञानिक प्राथमिक लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं कि लोग कोरोना के लक्षण से बच सकें.
एंथनी फाउची ने कहा कि प्राथमिक लक्ष्य यह है कि अगर कोई कोरोना से संक्रमित होता है तो वैक्सीन ऐसी स्थिति में व्यक्ति को बीमार होने से बचा सके. अगर वैक्सीन लोगों को बीमार होने से बचाने में कामयाब हो जाएगी तो मौत का आंकड़ा भी घट जाएगा.
वैक्सीन को लेकर फाउची की चेतावनी के बाद ऐसे लोगों को झटका लग सकता है जो मान रहे थे कि कुछ महीने में वैक्सीन आते ही कोरोना खत्म होने लगेगा. फाउची की चेतावनी यह भी बताती है कि वैक्सीन आने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क जैसे उपाय अहम बने रहेंगे.
इससे पहले कोरोना वैक्सीन को लेकर फाउची ने कहा था कि हो सकता है कि साल के अंत तक आने वाली कोरोना वैक्सीन 50 से 60 फीसदी ही प्रभावी साबित हो. हालांकि, उन्होंने कहा कि भविष्य में वे ऐसी वैक्सीन की उम्मीद कर रहे हैं जो कम से कम 75 फीसदी प्रभावी हो. फिलहाल अमेरिका में एस्ट्राजेनका, फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन ट्रायल के आखिरी चरण में हैं.