कोरोना लॉकडाउन के खिलाफ यूरोप में काफी विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. नीदरलैंड में प्रदर्शनकारियों ने एक कोरोना टेस्टिंग सेंटर में आग लगा दी और एक हॉस्पिटल पर पटाखों से हमला किया गया. वहीं, स्पेन के मैड्रिड में भी हजारों लोग कोरोना पाबंदियों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए.
(फोटोज-AP)
नीदरलैंड में विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब पहली बार रात 9 बजे से सुबह 4.30 बजे तक के लिए कर्फ्यू लागू किया गया. दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह पहला मौका है जब देश में कर्फ्यू लगाया गया है.
एम्सटर्डम से करीब 80 किमी दूर उर्क में युवा प्रदर्शनकारी एक टेस्टिंग सेंटर में घुस गए और वहां आग लगा दी. स्थानीय अधिकारियों ने कहा है कि यह घटना न सिर्फ अस्वीकार्य है, बल्कि स्वास्थ्य अधिकारियों के ऊपर तमाचे जैसा है.
विरोध प्रदर्शन के बावजूद अधिकारियों ने कहा है कि रात को कर्फ्यू जारी रहेगा. नीदरलैंड के स्वास्थ्य मंत्री हुगो डे जोन्गे ने कहा कि टेस्टिंग सेंटर में आग लगाने की घटना, सभी सीमाओं के परे है. एन्चेदे शहर के एमएसटी हॉस्पिटल में प्रदर्शनकारियों ने पटाखों से हमला किया. (तस्वीर में स्पेन में सड़कों पर मौजूद प्रदर्शनकारी)
नीदरलैंड की राजधानी डेनमार्क में शनिवार की रात प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सेन का पुतला जलाने पर दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था. वहीं, पांच अन्य प्रदर्शनकारियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया.
नीदरलैंड में मध्य दिसंबर से ही कोरोना को लेकर कड़ी पाबंदियां लागू हैं और 9 फरवरी तक इसे लागू रखने की योजना है. पुलिस ने कहा है कि कर्फ्यू तोड़ने पर देशभर में 3600 लोगों पर जुर्माना लगाया गया है. (तस्वीर में स्पेन में सड़कों पर मौजूद प्रदर्शनकारी)