दुनियाभर में लोग कोरोना से बचने के लिए फेस शील्ड भी लगा रहे हैं. लेकिन जापान के एक सुपर कंप्यूटर ने खुलासा किया है कि फेस शील्ड आपको कोरोना वायरस के संक्रमण से नहीं बचाता. क्योंकि यह हवा में उड़ रही नमी वाली बेहद छोटी बूंदों को नहीं रोक पाता. इसलिए कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए फेस शील्ड कारगर नहीं है.
जापान के सुपर कंप्यूटर फुगाकू (Fugaku) के जरिए प्लास्टिक फेस शील्ड पर रिसर्च किया गया. इस रिसर्च में पता चला कि हवा में घूमने वाली 5 माइक्रोमीटर से कम आकार की बूंदें प्लास्टिक फेस शील्ड से बच कर आपकी सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाती हैं. अगर इन बूंदों में कोरोना वायरस हो तो संक्रमण से कोई नहीं बचा सकता.
बता दें कि एक माइक्रोमीटर एक मीटर का 10 लाखवां हिस्सा होता है. कोबे स्थित सरकारी अनुसंधान संस्थान रिकेन के मुताबिक 50 माइक्रोमीटर जितनी बड़ी आधी से ज्यादा बूंदे हवा में अपना रास्ता स्वयं खोज लेती हैं. कोरोना वायरस इससे छोटी बूंदों में भी प्रवेश कर सकता है. इसके बाद वह आपके शरीर में घुसने में समय नहीं लगाएगा.
रिकेन के टीम लीडर माकोटो त्सुबोकोरा के मुताबिक यह शोध विभिन्न आकार के हजारों ड्रॉप्लेट्स पर किया गया है. परिणाम अनुसार उन्होंने मास्क के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक फेस शील्ड के प्रति आगाह किया है. उन्होंने कहा कि मास्क की तुलना में प्रभावी नहीं है फेस गार्ड या फेस शील्ड.
माकोटो के मुताबिक एक संक्रमित व्यक्ति के मुंह से बूंदों को रोकने में फेस गार्ड की प्रभावशीलता मास्क की तुलना में काफी कम है. जिन लोगों को मास्क पहनने की सलाह नहीं दी जाती है. जैसे श्वांस - प्रणाली की समस्याओं से ग्रस्त लोग तथा छोटे बच्चे आदि. उन्हें हवादार जगह में मास्क की जगह फेस शील्ड पहनाया जा सकता है.