कोरोना वायरस से परेशान और पीड़ित शख्स पर दवा कंपनियां और बोझ डालने की तैयारी में हैं. कोविड-19 के इलाज में अब तक की सबसे कारगर दवा रेमडेसिविर की कीमत प्रति मरीज 2340 अमेरिकी डॉलर है. यानी करीब 1.76 लाख रुपए.
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रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा बनाने वाली कंपनी जीलीड्स साइंसेज ने कहा है कि यह कीमत अमीर देशों के मरीजों के लिए है. इतने रुपए पांच दिन के डोज के लिए जा रहे हैं.
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जीलीड्स अगले तीन महीने तक रेमडेसिविर दवा का लगभग सारा स्टॉक अमेरिका भेजने की तैयारी में है. पिछले हफ्ते अमेरिकी संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ क्लीनिकल एंड इकोनॉमिक रिव्यू ने दवा की कीमत 2520 से 2800 डॉलर के बीच रखने की सिफारिश की थी.
जीलीड्स ने कहा कि वह कॉमर्शियल बीमा करवाए हुए अमेरिकी कोरोना मरीजों से 3120 डॉलर प्रति कोर्स यानी 2.30 लाख रुपए या 530 डॉलर प्रति वायल यानी 39,267 रुपए प्रति वायल लेगा.
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जीलीड्स ने कहा कि उसने 390 डॉलर प्रति वायल इसलिए बढ़ाया है क्योंकि अमेरिका के हेल्थ केयर प्रोग्राम के तहत मरीजों का इलाज होता है.
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जीलीड्स के चीफ एक्जीक्यूटिव डैनियल ओडे ने कहा कि कीमत बेहद वाजिब है. अगर मरीज सही समय पर अस्पताल से डिस्चार्ज होता है तो अमेरिका प्रति मरीज 12 हजार डॉलर यानी 9.06 लाख रुपए बचा लेगा.
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टेक्सास में डेमोक्रेटिक सांसद लॉयड डॉगेट ने कहा कि दवा कंपनी एक मामूली सी दवा के लिए बहुत ज्यादा कीमत ले रही है. यह आम नागरिकों की मेहनत से जमा किए टैक्स की नाजायज वसूली है.
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अमेरिका के हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज ने बताया कि उसने 5 लाख रेमडेसिविर कोर्सेज अमेरिका के अस्पतालों में पहुंचा दिया गया है. जीलीड्स अपने उत्पादन का 90 फीसदी हिस्सा सितंबर तक अमेरिका में पहुंचाता रहेगा. ताकि क्लीनिकल ट्रायल्स में कई कमी न आए.
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जीलीड्स ने भारत और पाकिस्तान की दवा कंपनियों से भी समझौता किया है. सिप्ला के जेनेरिक रेमडेसिविर दवा की कीमत 5 हजार रुपए हैं. जबकि हेट्रो लैब्स की दवा की कीमत 5400 रुपए है.