न केवल भारतीयों के लिए बल्कि विदेशों में भी कोरोनो वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले लोगों के लिए छुट्टियों में सबसे ज्यादा पसंदीदा गोवा है. इस गोवा में हालात बद से बदतर हो गए हैं. हॉस्पिटल में लोगों को बेड नहीं हैं मिल रहे हैं लोग ऑक्सीजन के लिए हांफ रहे हैं और हर दिन कई लोग मर रहे हैं. यहां पॉजिटिविटी रेट 51 प्रतिशत है जबकि रिकवरी दर सिर्फ 71 प्रतिशत है.
गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल से चौंकाने वाला वीडियो सामने आया. कोविड वार्ड के अंदर इतने मरीज पड़े हुए हैं. यह गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का वार्ड नंबर 147 है. मरीजों को देखने कोई नहीं आया. कोविड वार्ड के अंदर मरीज के रिश्तेदार मदद करते हैं.
हेमंत कांबली ने कैमरे पर रोते हुए फोनो पर साक्षात्कार दिया जिन्होंने अपने जीजा को खो दिया. वह कहते हैं कि अस्पताल में गद्दा भी नहीं था, वे इसे बाहर से लाए. उन्होंने खुद से ऑक्सीजन की व्यवस्था की. वह रो रहे थे और कह रहे थे कि कृपया गोवा को बचाओ, गोवा के लोगों को बचाओ. अस्पताल के अंदर भयानक स्थितियां हैं.
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से ऑक्सीजन की आपूर्ति के कारण अस्पताल के अंदर कई मरीज मर रहे हैं. यह कहा गया है कि लॉजिस्टिक इश्यू के कारण मरीज मर रहे हैं क्योंकि ऑक्सीजन की आपूर्ति अचानक गिर गई. सबसे ज्यादा मौतें सुब 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हो रही हैं. जीएमसी में 11 मई को 26 लोगों की मौत हुईं, 12 मई को 21 लोगों की मौत हुई और 13 मई को 20 लोगों की मौत हुई.
आजतक-इंडिया टुडे की टीम ने अस्पताल के अंदर उस सटीक स्थान पर पहुंची जहां सिलेंडर के जरिए ऑक्सीजन अस्पताल के अंदर पहुंचाई जा रही थी. उसी समय में वहां लोकल पुलिस आ गई और जगह छोड़ने के लिए कहा.
इस बीच गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने गोवा के सीएम, मुख्य सचिव और नोडल अधिकारी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया है जो ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार हैं. गोवा फॉरवर्ड पार्टी के उपाध्यक्ष दुर्गादास कामत की शिकायत के बारे में बताते हुए कहा कि नेताओं और अधिकारियों के बीच कोई समन्वय नहीं है. इतनी गंभीर स्थिति के बाद भी कोई टास्क फोर्स या वॉर रूम नहीं बना.
(गोवा से सौरभ वक्तानिया के साथ हरीश वोलवोईकर की रिपोर्ट, कैमरामैन समीर शानबाग)