पूरी दुनिया में समुद्री जलस्तर बढ़ रहा है. ये खतरनाक है. दुनियाभर में अपनी सर्दी और बर्फ के लिए जाना जाने वाले देश ग्रीनलैंड से पिछली गर्मी में कुल 600 बिलियन टन बर्फ टूटकर समुद्र में जा मिली. इसकी वजह से पूरी दुनिया में समुद्र का जलस्तर बढ़ गया. (फोटोः रॉयटर्स)
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अब आप कहेंगे 600 बिलियन टन बर्फ कितना होता है. तो जान लीजिए...600 बिलियन टन यानी 544,310,844,000,000 किलोग्राम बर्फ. इतना बर्फ सिर्फ गर्मियों के दो महीने में पिघल गया था. (फोटोः रॉयटर्स)
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इसकी वजह से पूरी दुनिया में समुद्री जलस्तर दो मिलीमीटर बढ़ गया. ये रिपोर्ट दी है अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और जर्मनी के एयरोस्पेस सेंटर ने. (फोटोः रॉयटर्स)
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ग्रीनलैंड में पिघलते हुए बर्फ का अध्ययन करने वाली यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की अर्थ साइंटिस्ट इसाबेला वेलिकोना ने बताया कि पिछली गर्मी बाकी सालों की तुलना में ज्यादा गर्म थी. इसकी वजह से बर्फ की कई चादरें पिघली हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
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इसाबेला ने बताया कि ग्रीनलैंड ने 2002 से 2018 के बीच हर साल औसत जितनी बर्फ पिघलती है, उससे दोगुनी ज्यादा 2019 में पिघली है. इस 2002 से लेकर 2019 तक ग्रीनलैंड में 4550 बिलियन टन बर्फ पिघली है. (फोटोः रॉयटर्स)
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पूरे लॉस एंजिल्स शहर में साल भर में एक बिलियन टन पानी का उपयोग होता है. ग्रीनलैंड में तो इससे कई गुना ज्यादा बर्फ पिघल गई. ये पूरी दुनिया के लिए बेहद खतरनाक है. (फोटोः रॉयटर्स)
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इसाबेला ने बताया कि अंटार्कटिका से भी बर्फ पिघल रही है. अगर ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका की बर्फ तेजी से पिघलने लगी तो पूरी दुनिया के लिए ये बहुत ज्यादा खतरनाक होगा. इससे दुनिया पर दो तरफा मार पड़ेगी. (फोटोः रॉयटर्स)
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इसाबेला कहती हैं कि अगर पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर जमा बर्फ पिघलने लगेगी तो धरती के चारों तरफ मौजूद पानी का स्तर इतनी तेजी से बढ़ेगा कि उसे रोक पाना मुश्किल हो जाएगा. (फोटोः रॉयटर्स)
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ग्रीनलैंड के पिघलते हुए बर्फ का आंकलन जर्मना एयरोस्पेस सेंटर के ग्रैविटी रिकवरी एंड क्लाइमेट एक्सपेरीमेंट (GRACE) सैटेलाइट की मदद से मिली है. इसका विश्लेषण नासा ने किया है. (फोटोः रॉयटर्स)