देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन राहत की बात ये है कि मरीजों के ठीक होने की संख्या भी बढ़ रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोरोना का रिकवरी रेट 48.07 फीसदी हो गया है. कारण ये है कि हमारे यहां डॉक्टरों ने कुछ ऐसी दवाओं के कॉम्बिनेशन की अनुमति दी है, जिससे मरीज जल्दी रिकवर हो रहे हैं. अब एक और दवा को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए भारत में मंजूरी मिल सकती है. (फोटोः रॉयटर्स)
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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research - ICMR) ने पहले हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के उपयोग के लिए कहा, फिर इबोला (Ebola) को ठीक करने वाली रेमडेसिविर (Remdesivir) को भी मंजूरी दे दी है. अब हो सकता है कि आईसीएमआर एक अन्य दवा को भी अनुमति दे सकती है. (फोटोः रॉयटर्स)
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इस दवा का नाम है पेरामिविर (Peramivir). इसे बाजार में रैपीवैब (Rapivab) के नाम से भी जाना जाता है. इस दवा को अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने भी मान्यता दे रखी है. इस दवा का उपयोग स्वाइन फ्लू और उसके जैसी बीमारियों को रोकने में किया जाता है. (फोटोः रॉयटर्स)
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इस एंटीवायरल दवा का उपयोग केवल इमरजेंसी में किया जा सकता है, वह भी डॉक्टरों की निगरानी में. इस दवा को अमेरिकी कंपनी बायोक्रिस्ट फार्मस्यूटिकल्स नाम की कंपनी बनाती है. इस दवा को लेकर 2008 से ही ट्रायल शुरू हुए थे. जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिसंबर 2014 में मान्यता मिली है. (फोटोः रॉयटर्स)
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यह एक बेहद असरदार एंटीवायरल दवा है, जिसका ज्यादातर उपयोग एच1एन1 इंफ्लूएंजा (H1N1) यानी स्वाइन फ्लू (Swine Flu) रोकने के लिए किया गया था. पेरामिविर दवा को जापान और दक्षिण कोरिया ने मान्यता दे रखी है. वहां पर इस दवा को पेरामिफ्लू के नाम से जाना जाता है. (फोटोः रॉयटर्स)
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इस दवा के उपयोग से कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. जैसे - डायरिया, सीरम ग्लूकोस का बढ़ना, नींद न आना, कब्ज, तनाव, रैशेस, वहम होना आदि शामिल है. इसलिए दुनिया भर में इस दवा को डॉक्टर्स की निगरानी में दिया जाता है. (फोटोः रॉयटर्स)
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ये दवा संक्रमित कोशिकाओं से वायरस के दूसरे कोशिकाओं में जाने से रोकती है. साथ ही नए कोशिकाओं पर वायरस के हमले को रोकती है. अमेरिका में बनने वाली इस दवा को चीन, जापान और दक्षिण कोरिया में भी अनुमति मिली हुई है. (फोटोः रॉयटर्स)
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स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने हाल ही में कहा था कि देश में टेस्टिंग की सुविधा बढ़ाई गई है. देश में हर दिन 1 लाख 20 हजार से ज्यादा टेस्टिंग हो रही है. इस बीच सरकार ने कोरोना के गंभीर मरीजों के इस्तेमाल के लिए रेमडेसिविर दवा को मंजूरी भी दे दी है. (फोटोः एएफपी)
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रेमडेसिविर दवा का इस्तेमाल कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के लिए किया जाएगा. इबोला के इलाज में काम आने वाली रेमडेसिवीर एकमात्र ऐसी दवा है जो कोरोना के इलाज में बेहद असरदायी नजर आ रही है. (फोटोः एएफपी)
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इसके पहले, ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा है कि निगरानी और नियंत्रित तरीके से की गई स्टडीज में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन से कोरोना मरीजों को कोई बड़ा साइड इफेक्ट नहीं होगा. (फोटोः एएफपी)