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कोरोना

आनंद महिंद्रा बोले- नोबेल मिलना चाहिए, क्या वाकई कैप्सूल के रूप में आने वाली है कोरोना वैक्सीन?

 Covid vaccines
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ब्रिटेन के ससेक्स स्थित एक कंपनी आयोसबायो (IosBio) ने इंजेक्शन वाली वैक्सीन को कैप्सूल में बदलने की तकनीक ढूंढ ली है. आयोसबायो ने कैलिफोर्निया की कंपनी इम्यूनिटीबायो के साथ इसको लेकर एक समझौता भी किया है. अगर आयोसबायो की तकनीक सफल साबित होती है तो आने वाले वक्त में कोरोना की वैक्सीन भी कैप्सूल के रूप में लोगों को मिल सकती है. 

Mahindra Tweet
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ब्रिटिश टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, कैप्सूल के रूप में वैक्सीन तैयार करने के बाद आयोसबायो, अमेरिकी कंपनी इम्यूनिटीबायो के साथ मिलकर जल्द ही क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने जा रही है. आयोसबायो का कहना है कि यह एक वायरल वेक्टर वैक्सीन होगी. इसमें दो स्पाइक प्रोटीन होंगे. वहीं, उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने एक ट्ववीट में अखबार की कटिंग शेयर करके लिखा है कि अगर वैज्ञानिक कैप्सूल के रूप में वैक्सीन बनाने में सफल रहते हैं तो उन्हें नोबेल प्राइज दिया जाना चाहिए. 

 Covid vaccines
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रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और ब्रिटेन में कैप्सूल वाली वैक्सीन का ट्रायल सबसे पहले किया जा सकता है. कंपनी का कहना है कि बंदरों पर किए गए ट्रायल में आयोसबायो टेक्नोलॉजी वाली वैक्सीन का प्रभाव काफी अच्छा पाया गया. आयोसबायो के सीईओ वेने चैनन का कहना है कि कैप्सूल वाली वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए किसी मेडिकल प्रोफेशनल की जरूरत नहीं होगी.  

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 Covid vaccines
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एक्सपर्टस का कहना है कि कैप्सूल के रूप में वैक्सीन तैयार होने पर कोरोना से लड़ाई काफी आसान हो सकती है. क्योंकि इंजेक्शन के मुकाबले कैप्सूल के रूप में वैक्सीन को लोगों तक पहुंचाना आसान हो जाएगा. 

 Covid
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आयोसबायो ने अपनी इस तकनीक को OraPro नाम दिया है. इसके जरिए वैक्सीन को कैप्सूल में डाला गया है जो 50 डिग्री टेंपरेचर तक सुरक्षित रह सकता है. पेट में जाने के बाद यह वैक्सीन Mucous Membranes में एब्जॉर्व कर ली जाएगी. समझौते के तहत OraPro तकनीक के इस्तेमाल का अधिकार इम्यूनिटीबायो के पास ही रहेगा और आयोसबायो को वैश्विक बिक्री पर रॉयल्टी मिलेगी.

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