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कोरोना

कोराना: बंद से प्रभावित हुए मजदूर तो इस जज ने दान की अपनी सैलरी

कोराना: बंद से प्रभावित हुए मजदूर तो इस जज ने दान की अपनी सैलरी
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मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम ने कोरोना वायरस महामारी के कारण बंद से प्रभावित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मदद करने का फैसला किया है. इसके लिए उन्होंने अपना एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दिया है. (प्रतीकात्मक फोटो)
कोराना: बंद से प्रभावित हुए मजदूर तो इस जज ने दान की अपनी सैलरी
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बताया जा रहा है कि उन्होंने अपनी एक महीने का वेतन लगभग 2.25 लाख रुपये उन लोगों को दान कर दिए जिन लोगों ने Covid-19 महामारी में बंद के चलते अपनी कमाई खो दी थी.  (प्रतीकात्मक फोटो)
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उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने ये कदम इसलिए उठाया है ताकि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को मजदूरी और वेतन दिया जा सके.  (प्रतीकात्मक फोटो)
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उनका कहना है कि कोरोना वायरस के चलते बंद की वजह से ऐसे श्रमिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इसको लेकर न्यायाधीश ने रविवार को तमिलनाडु के सचिवालय में जाकर चीफ सेक्रेटरी से मुलाकात की और उन्हें अपने एक महीने का वेतन का चेक सौंपा. (प्रतीकात्मक फोटो)


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पीटीआई से बात करते हुए, न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा, 'इस महामारी में मजदूरों की सबसे बुरी स्थिति है. कोरोना वायरस की वजह से मजदूर वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है. हमें नहीं पता ये स्थिति कितने दिन और कितने महीने तक बनी रहेगी. ' (प्रतीकात्मक फोटो)
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साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में, सरकार को इस वर्ग के लोगों को भोजन की व्यवस्था करानी चाहिए लेकिन सरकार ये काम केवल अकेले नहीं कर सकती. इसलिए, जो लोग संगठित क्षेत्रों में कार्यरत हैं, या अमीर हैं या फिर जिन्हें मासिक वेतन मिलता है उन्हें गरीबों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. (प्रतीकात्मक फोटो)
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उन्होंने आगे कहा कि चूंकि कोई भी इस पहल को शुरू करने के लिए आगे नहीं आया था, इसलिए उन्होंने पहला कदम उठाने का फैसला किया और अपने एक महीने के वेतन को दान में दिया. मैंने सोचा कि यह एक संदेश होगा, जो नेता, अभिनेता और अमीर लोगों को गरीब मजदूरों की मदद के लिए प्रेरित करेगा. (प्रतीकात्मक फोटो)
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