छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में कोरोना से मरने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. दुर्ग जिले में आलम यह है कि अब कोरोना से मरने वालों की लाशों को दफनाने या जलाने के लिए मुक्तिधाम कम पड़ रहे हैं. (दुर्ग से रघुनंदन पंडा की रिपोर्ट)
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के दुर्ग जिले में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है तो दूसरी ओर करोना से मरने वालों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है. जिले में अब शवों को जलाने या दफनाने के लिए मुक्तिधाम भी कम पड़ रहे हैं.
कोरोना संक्रमण के बीच मुक्तिधाम के बाहर की तस्वीरें तैयारियों पर सवाल उठा रही है. हालांकि, दुर्ग प्रशासन स्थिति के काबू में होने की बात कर रहा है लेकिन तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही है.
इतना ही नहीं, जिले में जिस तरह से रोजाना 1000 से अधिक करोना मरीज मिल रहे हैं. दुर्ग प्रशासन संपूर्ण व्यवस्था होने का दावा कर रहा है. जिले के कलेक्टर डॉक्टर भूरे ने 600 ऑक्सीजन बेड होने का दावा कर रहे हैं.
इससे यूं ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन कोरोना के आगे लाचार और बेबस नजर आ रहा है. हालांकि प्रशासन व्यवस्था दुरुस्त होने का दावा कर रहा है. बता दें कि शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के दुर्ग में टोटल लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया था. छत्तीसगढ़ के दुर्ग के कलेक्टर के मुताबिक, जिले में अब 6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक पूरी तरह से लॉकडाउन लागू रहेगा. लॉकडाउन के वक्त जो नियम थे, उन्हीं नियमों का पालन किया जाएगा. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ये सख्त फैसला लिया गया है. दुर्ग के अलावा राज्य के रायपुर में भी 9 से 19 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू कर दिया गया है.