कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच देश की राजधानी दिल्ली से हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. दिल्ली में बुधवार की शाम यमुना नदी के किनारे हजारों की संख्या में दिहाड़ी मजदूर जमा हो गए. जिनके मुंह पर मास्क तो लगा है लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग दिखाई नहीं दे रहा है.
(फोटो-निखिल)
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यमुना किनारे हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए मजदूरों में किसी के हाथ में सामान का थैला दिखाई दे रहा है तो किसी ने मुंह पर गमझा लपेट रखा है. बताया जा रहा है कि ये प्रवासी मजदूर अपने-अपने राज्यों में जाने के लिए जुटे हैं.
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जानकारी के मुताबिक इन्हें दिल्ली के अलग-अलग शेल्टर होम ले जाने की कोशिश हो रही है. हालांकि, अभी यह बात साफ नहीं हुई है कि सभी मजदूर प्रवासी हैं या नहीं. लेकिन दिखाई दे रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बिलकुल नहीं किया गया.
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यमुना किनारे मजदूरों के जुटने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि यमुना घाट पर इकट्ठा हुए मजदूरों के लिए ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था कर दी गई है. उन्हें शेल्टर होम में शिफ्ट करने के आदेश दिए गए हैं. केजरीवाल ने कहा कि रहने और खाने की कोई कमी नहीं है. किसी को कोई भूखा या बेघर मिले तो हमें बताएं.
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देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. इस बीच यातायात्र संचालन प्रभावित है और प्रवासी मजदूर अपने घर जाने के लिए परेशान हैं. बता दें कि 14 अप्रैल यानी मंगलवार को मुंबई के ब्रांद्रा रेलवे स्टेशन पर अपने घर जाने के लिए हजारों प्रवासी मजदूरों की भीड़ जमा हो गई थी. ट्रेन चलने की अफवाह के चलते मजदूर रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे. उन्हें हटाने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग भी करना पड़ा था.