महाराष्ट्र के चंद्रपुर में समय पर इलाज नहीं मिलने से एक 40 साल के व्यक्ति की मौत हो गई. परिजन रविवार से ही मरीज को कार में बिठाकर शहर के हर अस्पताल के चक्कर काटते रहे पर फिर भी उन्हें न बेड मिला और न ही ऑक्सीजन. आखिरकार इलाज नहीं मिलने से मरीज ने सरकारी कोविड अस्पताल के सामने अपनी ही कार में दम तोड़ दिया. (इनपुट-विकास राजुरकर)
एक ओर चंद्रपुर में कोरोना बेलगाम हो गया है. मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. आलम ये है कि अस्पतालों में न बेड है, न ही ऑक्सीजन है और इलाज के लिए दवाइयां मिल पा रही हैं. इलाज के अभाव में रोजाना कोरोना मरीजों की मौत हो रही है.
वहीं, इस बीच चंद्रपुर के नगीना बाग इलाके में रहने वाले 40 साल के प्रवीण दुर्गे की रविवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई. परिवारवालों ने शहर के सभी अस्पताल के चक्कर काटे लेकिन कहीं पर भी इलाज नहीं मिला. आखिरकार लाचार होकर परिजनों ने सरकारी कोविड अस्पताल के सामने लाकर गाड़ी खड़ी कर दी और डॉक्टरों को ढूंढने लगे.
आनन फानन में परिजन डॉक्टरों को तलाशते रहे लेकिन उसी बीच मरीज का ऑक्सीजन लेवल कम हो गया. इसी दौरान परिजनों की आंखों के सामने ही मरीज ने दम तोड़ दिया. लाचार परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. मृतक की बहन ने बताया कि वह किस तरह से अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे लेकिन फिर भी वह उन्हें बचा नहीं पाए. यह कहते हुए वह फफक कर रो पड़ीं.