अमेरिका की प्रमुख स्वास्थ्य संस्था सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के डायरेक्टर ने कहा है कि फेस मास्क, कोरोना वायरस की वैक्सीन से अधिक सुरक्षित है. CDC डायरेक्टर डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड ने अमेरिकी संसद की एक कमेटी के सामने यह बात कही. बता दें कि दुनिया में कोरोना वायरस के मामले 3 करोड़ 9 लाख 91 हजार से अधिक हो चुके हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मास्क पहनने की नीति के बड़े समर्थक नहीं रहे हैं. इस बारे में जब सांसदों ने CDC डायरेक्टर से पूछा तो उन्होंने कहा- 'मैं राष्ट्रपति के संदर्भ में प्रतिक्रिया नहीं दे सकता. लेकिन सीडीसी डायरेक्टर के तौर पर मैं कहूंगा कि फेस मास्क, जनता के स्वास्थ्य के लिए सबसे शक्तिशाली टूल है. मैं हर अमेरिकी से अपील करूंगा कि वे फेस मास्क पहनें.'
अमेरिका के CDC डायरेक्टर डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड ने कहा कि अमेरिका के लोग कई हफ्ते तक मास्क पहनते हैं तो महामारी को काफी हद तक काबू में किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सबूत मौजूद हैं कि मास्क काम करते हैं और सबसे अधिक सुरक्षा देते हैं.
अमेरिकी सांसदों के सामने डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड ने यह भी कहा- 'मैं आगे बढ़कर यह भी कहूंगा कि जब मैं कोरोना की वैक्सीन लगवाऊंगा, उससे अधिक सुरक्षा मुझे इस मास्क से मिल रही है. क्योंकि ये 70 फीसदी तक सुरक्षा दे सकता है. लेकिन अगर मेरे शरीर में इम्यून रेस्पॉन्स नहीं हुआ तो वैक्सीन मुझे सुरक्षा नहीं देगी. लेकिन फेस मास्क से सुरक्षा मिलेगी.'
CBS News की रिपोर्ट के मुताबिक, कई अन्य अमेरिकी एक्सपर्ट भी डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड के तर्क से सहमत हैं. इसके पीछे वजह है कि वैक्सीन इम्यून रेस्पॉन्स की गारंटी नहीं देती. इससे पहले अमेरिका के FDA (Food and Drug Administration) ने कहा था कि वैक्सीन के 50 फीसदी प्रभावी रहने पर भी वे मंजूरी दे देंगे. अगर ऐसा होता है तो वैक्सीन कोरोना से बीमार होने वाले लोगों की संख्या तो घटाएगी, लेकिन हर किसी को सुरक्षा प्रदान नहीं करेगी.